HARYANA VRITANT

चरखी दादरी। गांव मौड़ी स्थित शहीद राजबीर सिंह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अव्यवस्था से नाराज छह गांवों के ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने सोमवार को दूसरे दिन भी स्कूल में ताला लगा दिया। सूचना मिलने पर पुलिस टीम और शिक्षा विभाग से बीईओ राजबाला फौगाट मौके पर पहुंचीं और ग्रामीणों को आश्वासन देकर ताला खुलवाया।

6 गांवों के लोगों ने राजकीय स्कूल में जड़ा ताला, विद्यार्थी और शिक्षक खड़े रहे बाहर

स्कूल परिसर की अव्यवस्थाओं से परेशान मौड़ी के पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों ने शनिवार को विद्यार्थियों की छुट्टी करवा दी थी। उन्होंने प्राचार्य का तबादला होने तक ताला न खोलने का एलान किया था। सोमवार को फिर से मौड़ी समेत छह गांवों के मौजिज लोग स्कूल परिसर पहुंचे और स्कूल में ताला जड़ दिया। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी अंदर जाने से रोक दिया। थोड़ी देर बाद बीईओ राजबाला और पुलिस टीम भी स्कूल में पहुंच गईं।

पुलिस और बीईओ के आग्रह पर ग्रामीणों ने ताला खोल कर बीईओ राजबाला से वार्ता की। इसमें बीईओ ने समस्या का समाधान जल्द कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था दुरुस्त होगी। शौचालय निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। अब आरोपी प्राचार्य मंगलवार से स्कूल में नहीं आएंगे। इसलिए नए प्राचार्य की नियुक्ति होने तक बीईओ ने स्कूल का कार्यभार उपप्राचार्य को सौंप दिया। ग्रामीणों ने बीस दिन में समस्या न सुलझने पर फिर से ताला लगाने की चेतावनी दी।

बीईओ को सौंपा मांगपत्र

ग्रामीणों ने बीईओ को मांगपत्र भी सौंपा जिसमें सफाई व्यवस्था और शौचालय दुरुस्त कराने, प्राचार्य का तबादला कर स्कूल आने के लिए परिवहन सुविधा शुरू कराने की मांग की गई। ग्रामीण कमेटी के प्रधान धर्मबीर ने बताया कि कार्रवाई से बचने के लिए प्राचार्य उन पर निराधार आरोप लगा रहे हैं। कई गांवों से आए लोगों ने बताया कि इस स्कूल में मौड़ी के अलावा मकड़ाना, मकड़ानी, गोठडा, बलकरा, रामनगर, घसोला कपूरी और चिड़िया आदि 10 गांवों के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। इस स्कूल में छात्र संख्या 300 है जबकि कुछ साल पहले तक ये संख्या 700 से ज्यादा थी। ग्रामीणों ने बताया कि छात्र संख्या घटने का कारण अव्यवस्थाएं हैं।

आरोप : प्राचार्य ने नहीं दिया व्यवस्था सुधारने पर ध्यान

मौड़ी के सरपंच प्रतिनिधि अनिल फौगाट ने बताया कि वह पंचायत सदस्यों के साथ कई बार प्राचार्य से मिले। उन्होंने वहां गंदगी समेत अन्य अनियमितताओं को सुधारने की मांग की, लेकिन उनकी किसी बात पर प्राचार्य ने गौर नहीं किया। उन पर अनर्गल आरोप लगाकर दुर्व्यवहार भी किया। सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि प्राचार्य ने उन पर शिक्षकों की पगार के रुपये लेने का मनगढ़ंत आरोप भी लगा दिया जोकि बिल्कुल गलत है।

अभिभावकों के आरोप …

  • प्राचार्य का देरी से स्कूल पहुंचना।
  • शौचालयों और स्कूल प्रांगण में गंदगी।
  • पंचायत के सुझावों की अनदेखी करना।
  • स्कूल में विद्यार्थियों के लिए परिवहन सुविधा का अभाव।

ग्रामीणाें ने जो लिखित मांगें दी हैं उनसे उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। कुछ पहलुओं पर विभागीय जांच भी की जा रही है। प्राचार्य बदलने के लिए हमने उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया है। फिलहाल यहां का कार्यभार उपप्राचार्य को सौंपा गया है।