HARYANA VRITANT

चरखी दादरी। लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए लघु सचिवालय ज्ञापन सौंपने पहुंचीं आशा वर्कर्स की वहां तैनात पुलिसकर्मियों से बहस हो गई। आशा वर्कर्स और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। हालांकि, इसके बाद डीडीपीओ ज्ञापन लेने आशा वर्कर्स के बीच पहुंचे और इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई।

वीरवार को ज्ञापन सौंपने लघु सचिवालय पहुंची थीं आशा वर्कर्स अधिकारी के बाहर न आने पर अंदर घुसने के प्रयास में हुई बहस

वहीं, मांगों के लिए आशा वर्कर्स ने जिला प्रधान प्रेमपति की अगुवाई में डीडीपीओं को मांगपत्र सौंपा। यूनियन की राज्य उपप्रधान कमलेश भैरवी ने बताया कि मुख्य मांगों में आशा वर्कर्स को पक्का कर्मचारी का दर्जा दें, जब तक पक्का नहीं किया जाता है तब तक 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाएं। आशा वर्कर्स की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष की जाए। सभी ऑनलाइन काम का आशा वर्कर्स को इंसेंटिव दिया जाए और संसाधन उपलब्ध करवाए जाएं। म़ृत्यु दावा राशि को बढ़ाया जाए और बैंक के माध्यम से बैंक लोन की व्यवस्था की जाए। आशा वर्कर्स को राशन की राशि दी जाए।

शुक्रवार को किए गए प्रदर्शन में जिला कोषाध्यक्ष चंद्रमुखी, जिला सचिव अनिल, बबीता, प्रमिला, सुमित्रा, अंतू, सुनीता, मनीष, भतेरी, सुषमा, मंजू, रानी आदि आशा वर्कर्स शामिल रहीं।

एसकेएस कार्यालय में की बैठक, प्रदर्शन करते हुए पहुंचीं सचिवालय

ज्ञापन सौंपने से पहले आशा वर्कर्स एसोसिएशन ने सर्व कर्मचारी संघ कार्यालय में बैठक की और लंबित मांगों पर मंथन किया। इसके बाद वे यहां से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचीं। करीब पंद्रह मिनट इंतजार के बाद भी जब कोई ज्ञापन लेने बाहर नहीं आया तो उन्होंने जबरन अंदर घुसने का प्रयास किया। लघु सचिवालय के अंदर जबरन घुसने पर आशा वर्कर्स को रोकने का प्रयास करतीं महिला पुलिसकर्मी।