हरियाणा के जींद में जुनैद व नासिर हत्याकांड में प्रयोग की गई स्काॅर्पियो गाड़ी को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रशासन जो शपथ पत्र बता रहा है, चंद्रसिंह ने उसे झूठा बताते हुए इस पर सवाल उठाए हैं। चंद्रसिंह का कहना है कि उसने ऐसा कोई शपथ पत्र दिया ही नहीं था।
चंद्रसिंह ने कहा कि झूठा शपथ पत्र दिखाकर प्रशासन उन पर दबाव बना रहा है। जिला परिषद के सीईओ बोले कि शपथ पत्र में चंद्रसिंह ने गाड़ी अपने नाम करवाकर ही चलाने की बात लिखकर दी।
विकास एवं पंचायत विभाग के नाम पंजीकृत गाड़ी हालांकि 2020 में नीलाम कर दी थी, लेकिन इसका विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब गाड़ी खरीदने वाले चंद्रसिंह ने उस शपथ पत्र पर भी सवाल उठाए हैं।
वहीं जिला परिषद के सीईओ डाॅ. विनेश कुमार का कहना है कि सरकारी दस्तावेजों में शपथ पत्र शामिल है, जिसमें चंद्रसिंह ने गाड़ी अपने नाम करवा कर ही चलाने की बात कही है।
19 फरवरी को राजस्थान पुलिस ने यह स्काॅर्पियो गाड़ी जींद की सोमनाथ गोशाला से बरामद की थी। राजस्थान पुलिस का कहना है कि गाड़ी का प्रयोग जुनैद व नासिर हत्याकांड में हुआ है। वहीं जींद प्रशासन जांच कर रहा है कि गाड़ी दो साल पहले बोली पर बेचे जाने के बाद भी विकास एवं पंचायत विभाग के नाम कैसे है। इसमें जिला प्रशासन में कंडम वाहनों की बोली करवाने वाली शाखा के कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।