Chandigarh News शुक्रवार को कार्यभार संभालने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राज्य में किसान अब पराली नहीं जलाएंगे। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारी उन्हें जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली न जलाने के फायदे समझाए जाएंगे, ताकि वे इस परंपरा को छोड़ें और पर्यावरण को बचाने में सहयोग करें।
पराली जलाने पर FIR और मंडियों में फसल बिक्री पर रोक
सरकार का आदेश: पराली जलाने वाले किसानों पर एफआईआर
हरियाणा में धान की कटाई के साथ पराली जलाने का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है। इस पर कड़ी कार्रवाई के आदेश देते हुए राज्य सरकार ने कहा कि जो किसान पराली जलाएंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी और उनके खेतों के रिकॉर्ड में लाल प्रविष्टि की जाएगी। इसके अलावा, पराली जलाने वाले किसान अगले दो सीजन तक अपनी फसल मंडियों में ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से नहीं बेच पाएंगे।
जिला प्रशासन की सख्ती
यमुनानगर प्रशासन: अब कोई नरमी नहीं
यमुनानगर जिला प्रशासन ने खेतों में पराली जलाने के मामलों में सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अगर कोई किसान अब पराली जलाते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सीधे थाने में एफआईआर दर्ज की जाएगी। पहले किसानों पर 2500 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाया जाता था, लेकिन प्रशासन ने पाया कि यह जुर्माना प्रभावी नहीं था, इसलिए अब सीधे कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जुर्माना नहीं दिखा रहा असर
जुर्माने का कम प्रभाव: किसानों पर अब कड़ी कार्रवाई
प्रशासन के अनुसार, पराली जलाने पर 2500 रुपये जुर्माने का किसानों पर कोई खास असर नहीं हो रहा था। किसान बिना विरोध के जुर्माना भर देते थे। अब तक जिले में पराली जलाने के 20 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 11 मामलों में 27,500 रुपये जुर्माना वसूला गया है। हालांकि, इस सीजन में केवल एक एफआईआर दर्ज की गई है, जो रादौर के घिलौर गांव के किसान के खिलाफ हुई है।
समाप्ति
पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार और प्रशासन अब सख्ती से कार्रवाई कर रही है, ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।