हरियाणा में अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने मौजूदा कांग्रेस विधायक और यमुनानगर के पूर्व विधायक की 122 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम जोनल की टीम ने अवैध खनन के मामले में आरोपित सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार और यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह की 122 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर दी। इसमें 100 एकड़ से अधिक कृषि भूमि, वाणिज्यिक भूमि और भवन आदि सहित 145 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं।
पूर्व विधायक दिलबाग सिंह, विधायक सुरेंद्र पंवार, इंद्रपाल सिंह, मनोज वाधवा से संबंधित कई जगह जमीनें कुर्क की गई है। यह जमीनें गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, यमुनानगर, चंडीगढ़, पंचकूला, पंजाब और हरियाणा के अन्य जिलों में 122 करोड़ रुपये की संपत्ति हैं। कुलविंदर सिंह (पीएस बिल्डटेक), अंगद सिंह मक्कड़, भूपिंदर सिंह और उनके सहयोगियों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत अवैध खनन मामले में ईडी ने आरोपी बनाया है। दिलबाग और सुरेंद्र पंवार के जरिए प्रतिबंधित और नियंत्रित सिंडिकेट हरियाणा के यमुनानगर और आसपास जिलों में बड़े पैमाने पर रेत, बोल्डर और बजरी के अवैध खनन में लिप्त था।
ईडी ने विभिन्न खनन पट्टा धारकों के खिलाफ यमुनानगर में रेत, बोल्डर, बजरी के कानूनी खनन मामले में आईपीसी, 1860 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की विभिन्न धाराओं के तहत हरियाणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। जांच के दौरान कंपनियों की मुबारिकपुर रॉयल्टी कंपनी, एमकी डेवलपमेंट स्ट्रैटेजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, मिस दिल्ली रॉयल्टी कंपनी, मिस जेएसएम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, एमएस पीएस बिल्डटेक, विभिन्न स्क्रीनिंग प्लांट्स और स्टोन क्रशर और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया।
दिलबाग सिंह, कुलविंदर सिंह और सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार किया
ईडी की जांच से पता चला कि इस मामले में अवैध खनन गतिविधियों से उत्पन्न अपराध की कुल आय 300 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। यमुनानगर के उपरोक्त पांचों खनन ठेकेदारों की तरफ से बोल्डर, बजरी एवं रेत का अवैध उत्खनन व विक्रय का कार्य किया गया था। यह खनन विभाग के पोर्टल से ई-रावण बिल बिना निकाले या ई-रावण बिलों की नकली भौतिक प्रतियां तैयार कर खनन किए खनिजों के अवैध परिवहन के माध्यम से किया गया था।
इन अवैध गतिविधियों से उत्पन्न नकदी को खनन संस्थाओं के लाभार्थी होने के नाते इन सदस्यों के बीच बांटा गया था। इससे पूर्व ईडी ने इस मामले में तलाशी ली थी। ईडी ने पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत दिलबाग सिंह, कुलविंदर सिंह और सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार किया था।