हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में उम्मीदवारों का चयन कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी में लगे हुए हैं, और उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते की शुरुआत में उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया उतनी सरल नहीं होगी जितनी दिखाई देती है।
पिछले एक साल में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों में कई बागी नेता शामिल हुए हैं। कांग्रेस में 45 से अधिक पूर्व विधायक और चेयरमैन शामिल हो चुके हैं, जबकि भाजपा में भी ऐसे नेताओं की लंबी सूची है। ये सभी नेता भी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, लेकिन जिन क्षेत्रों से वे चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां पहले से पार्टी के अन्य उम्मीदवार सक्रिय हैं। ऐसे में टिकट बंटवारे को लेकर पुराने और नए सदस्यों के बीच सामंजस्य बैठाना दोनों दलों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
भाजपा में चुनौतीपूर्ण सीटें:
भाजपा के लिए रानियां, हिसार, और चरखी दादरी सीटें चुनौतीपूर्ण साबित हो रही हैं। राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला रानियां सीट से भाजपा के टिकट के दावेदार हैं, जबकि इसी सीट से हलोपा के गोपाल कांडा के भतीजे धवल कांडा भी मैदान में हैं। हिसार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता सबसे मजबूत दावेदार हैं, लेकिन कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं सावित्री जिंदल भी इस सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। इसी तरह, चरखी दादरी में बबीता फोगाट और पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बीच मुकाबला है।
कांग्रेस में चुनौतियां:
कांग्रेस भी भाजपा की तरह ही चुनौतियों का सामना कर रही है। पार्टी को अपने पुराने और नए नेताओं के बीच संतुलन बनाने में मुश्किल हो रही है। दादरी, शाहबाद, और टोहाना सीटों पर कई उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। शाहबाद सीट पर जजपा के बागी विधायक रामकरण काला और पूर्व विधायक अनिल कुमार धंनतोरी के बीच मुकाबला है। इसी तरह, नांगल चौधरी सीट पर भी अवतार सिंह भड़ाना और कई अन्य उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला है।
कुल मिलाकर, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और भाजपा दोनों के सामने उम्मीदवारों का चयन करना एक कठिन और जटिल प्रक्रिया साबित हो रही है।