किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो उसको डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है।
खतरनाक साबित हो सकता है वायरस
इस दौरान इनफ्लुएंजा वायरस के नोडल अधिकारी डॉक्टर संजीव सिंगला का कहना है कि बहुत से लोग खांसी, जुकाम और बुखार होने पर केमिस्ट के पास जाते हैं और उसे अपनी स्थिति बताकर दवाई ले जाते हैं। परंतु बिना जांच के केमिस्ट को यह जानकारी नहीं होती है कि आखिर मरीज की स्थिति किस तरह की और कौन सी दवाई किस बीमारी में कारगर साबित होगी। वहीं केमिस्ट अपने हिसाब से बिना कोई जांच किए दवाई दे देगा।
इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण
डॉक्टर ने बताया कि ठंड लगना, खांसी, बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, छींक आना और नाक बहना इसके सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो उसको डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है।
फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें। खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें। खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करें। बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।