हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण और पारदर्शिता को लेकर एक अहम पहल करते हुए राज्य के नगरीय स्थानीय निकाय मंत्री एवं कैबिनेट सदस्य Vipul Goel ने एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमीशन द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट के माध्यम से भूमि प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक नागरिक-उन्मुख एवं व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) के मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में गंभीर मंथन हुआ।

बैठक में अधिकारियों ने भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण को 100 प्रतिशत तक पहुंचाने, डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना करने और रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।
हरियाणा रेवेन्यू कमीशन की रिपोर्ट: नागरिकों और निवेशकों दोनों के हित में
हरियाणा रेवेन्यू कमीशन की रिपोर्ट में स्पष्ट सुझाव दिए गए कि भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को इस तरह से आधुनिकीकरण किया जाए, जिससे आम नागरिकों को अपनी संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेज और जानकारी सरलता से उपलब्ध हो सके।
इसके साथ ही, यह भी प्रस्तावित किया गया कि प्रक्रिया को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से अधिक पारदर्शी, समयबद्ध और सुविधाजनक बनाया जाए। इससे न केवल जनसाधारण को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य में उद्योग और निवेश को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
Vipul Goel ने कहा,
“हमारा उद्देश्य केवल प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि जनता की भलाई और निवेशकों को सुगमता प्रदान करना भी है। हम हरियाणा को डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के क्षेत्र में मॉडल राज्य बनाना चाहते हैं।”
90% भूमि रिकॉर्ड हो चुका है डिजिटल, जल्द ही 100% लक्ष्य
कैबिनेट मंत्री Vipul Goel ने जानकारी दी कि हरियाणा में अब तक 90 प्रतिशत भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है और शेष 10 प्रतिशत को भी त्वरित गति से पूर्ण किया जाएगा।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सभी जिलों में एकीकृत डाटा सेंटर स्थापित किए जाएंगे ताकि सभी संबंधित विभाग आपस में डेटा साझा कर सकें और सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
कर्मचारियों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण | Vipul Goel
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि रेवेन्यू विभाग के सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल प्रणाली की बारीकियों के संबंध में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण सुनिश्चित करेगा कि डिजिटल प्रणाली के उपयोग में किसी प्रकार की रुकावट न आए और हर नागरिक को समय पर सेवा मिले।
भूमि प्रबंधन की ओर डिजिटल क्रांति की दिशा में एक और कदम
हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही यह पहल न केवल भूमि विवादों को कम करेगी, बल्कि निवेश को सरल बनाने, भ्रष्टाचार को रोकने, और पारदर्शी शासन व्यवस्था की ओर एक ठोस कदम मानी जा रही है।
Land Records के डिजिटलाइजेशन से बहुत से शामलात जमीनों की रजिस्ट्री के मामलों में भी तेजी आने की उम्मीद है। गौरतलब है कि विपुल गोयल ने ही विधानसभा में सरकार के तरफ से बिल लाकर शामलात भूमि के लिए नया कानून लाया था जिसकी काफी प्रशंसा हुई थी।
इसके अतिरिक्त भी राजस्व विभाग कई परिवर्तनकारी सिद्धांत लिए गए हैं जो स्वागत योग्य है। इनमें से रोवर्स तकनीक से जमीन की डिजिटल मैपिंग भी शुरू की है।रोवर एक आधुनिक उपकरण है जो उपग्रह आधारित डिजिटल मैपिंग के माध्यम से अत्यंत सटीक और तेज भूमि सीमांकन करता है। इससे पारंपरिक जरीब विधि की तुलना में अधिक पारदर्शी, विवाद मुक्त और भरोसेमंद परिणाम मिलते हैं। इस तकनीक से संपत्ति से जुड़े विवादों, म्यूटेशन, बैंक ऋण एवं सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
विपुल गोयल ने जानकारी दी कि राज्य भर में पटवारियों और कानूनगो को इस तकनीक के उपयोग हेतु प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वे आधुनिक तकनीक के साथ कार्य कुशलता से कर सकें। इस तकनीक के उपयोग से न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में तेजी आएगी बल्कि राज्य सरकार की “डिजिटल इंडिया” अभियान के अनुरूप भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
Vipul Goel के नेतृत्व में चल रही ये योजनाएं आने वाले समय में हरियाणा को डिजिटल प्रशासन और स्मार्ट गवर्नेंस का उदाहरण बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होंगी।
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