Amit Shah on CAA अमित शाह ने सीएए को लेकर हर सवाल का जवाब दिया है। शाह ने कहा कि सीएए नागरिकता देने का कानून है न की छीनने का। मुसलमानों को भारत की नागरिकता न देने के पीछे का कारण बताते हुए शाह ने कहा कि सीएए पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को अधिसूचित किए जाने के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर निशाने साध रहा है। विपक्ष ने कानून को लेकर कई सवाल उठाए हैं, जो अब आम लोगों के दिमाग में भी घूम रहे हैं।

मुसलमानों को क्यों नहीं मिला CAA में अधिकार?

अमित शाह ने सीएए के तहत मुसलमानों को भारत की नागरिकता न देने के पीछे का कारण बताया है। शाह ने कहा कि सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। उन्होंने कहा कि ये तीनों देश इस्लामिक हैं। फिर वहां मुसलमान धार्मिक अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं?

क्या मुसलमान भी ले सकते हैं नागरिकता?

अमित शाह ने मुसलमानों को शामिल न करने की भी वजह तो बताई। हालांकि, उन्होंने कहा कि यदि वे अभी भी भारतीय नागरिकता चाहते हैं, तो वे संवैधानिक तरीकों से इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

केरल, बंगाल और तमिलनाडु में क्या सीएए नहीं होगा लागू?

सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद केरल, बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि वो अपने राज्य में इसे लागू नहीं होने देंगे। ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और पी विजयन ने कहा था कि वो अल्पसंख्यकों के साथ गलत नहीं होने देंगे।
इस पर शाह ने कहा कि वो नागरिकता केंद्र का मुद्दा है और सीएए को कोई राज्य सरकार रद्द नहीं कर सकती। इसलिए ये सभी विपक्षी लोग सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं। शाह ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को खुली चुनौती देता हूं कि इस कानून में किसी की नागरिकता छीनने वाली एक धारा भी हो तो वो बता दें।