आंकड़ों के मुताबिक, अब तक पूरे हरियाणा में 4828 गांवों के 79,284 किसानों ने कुल 4.47 लाख हेक्टेयर में फसल खराब होने की जानकारी किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड की है। अपलोड की गई जानकारी के आधार पर ही राजस्व विभाग के पटवारी फील्ड में फसल खराब की जांच करते हैं।
हरियाणा में पिछले कई दिन से चल रही बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों की विशेष गिरदावरी कराने के लिए सरकार ने डेडलाइन तय कर दी है। 15 अप्रैल तक हर हाल में विशेष गिरदावरी पूरी करनी होगी, साथ ही मई तक किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यह आदेश शुक्रवार को हरियाणा निवास में आयोजित प्रदेशभर के सभी डीसी और कमिश्नरों की बैठक में दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, इसलिए जल्द से जल्द सभी कार्य को पूरा करें। गृह सचिव और राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने मुख्यमंत्री को बताया कि विशेष गिरदावरी के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं और हर हाल में 15 अप्रैल तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। फसल खराब होने के लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। विधानसभा में इस मामले को लेकर कांग्रेस और इनेलो समेत निर्दलीय विधायकों ने सरकार को घेरा था और जल्द गिरदावरी कराने की मांग की थी।
पोर्टल पर पूरी कृषि योग्य भूमि का पंजीकरण जरूरी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा (एमएफएमबी) पोर्टल किसानों के लिए बेहद कारगर सिद्ध हो रहा है। अधिकारी इस पोर्टल पर किसानों द्वारा अपनी पूरी भूमि का पंजीकरण सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि किसान अपनी जमीन को खाली भी छोड़ता है तो भी वे उस जमीन का पंजीकरण पोर्टल पर करना सुनिश्चित करें। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाए, क्योंकि से सिस्टम में और अधिक पारदर्शिता आएगी।