पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह (Choudhary Birender Singh) ने बड़ा दावा किया है जिस वजह से एक बार फिर हरियाणा की सियासत गरमा गई है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी-जेजेपी गठबंधन 15-20 दिन में टूट जाएगा. खास बात यह है कि ऐसा दावा उन्होंने दो दिन पहले चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात के बाद किया.
- उन्होंने यह भी कहा है कि 2 अक्टूबर की रैली के बाद बीजेपी के शीर्ष नेताओं से बात की थी. बीजेपी के सभी नेता जेजेपी से गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने जाट सीएम और डिप्टी सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बयान का समर्थन किया है. सीएम से मुलाकात के संबंध में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी चर्चा हुई. चुनाव कैसे जीता जाए इस पर भी बात हुई है.
हरियाणा के राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बीरेंद्र सिंह जेजेपी से गठबंधन तोड़ने का दावा क्यों कर रहे हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि जेजेपी के बिना भी भाजपा सरकार अपने दम पर सरकार बना सकती है. वैसे, राज्य में बीजेपी प्रभारी और त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब लगातार राज्य के निर्दलीय विधायकों से संपर्क में हैं.
- हरियाणा प्रदेश इकाई के नेता सरकार को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं. इसकी वजह यह है कि बिप्लब देब के नेतृत्व में 4 निर्दलीय विधायक खुलकर बीजेपी के साथ हैं. इनमें धर्मपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान के नाम शामिल हैं. वहीं, गोपाल कांडा सीएम मनोहर लाल के संपर्क में हैं.
राज्य में कुल 90 विधानसभाएं हैं, किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत है. फिलहाल बीजेपी के पास 41 सीटें हैं. बीजेपी अपनी सहयोगी जेजेपी से 5 सीटों का अंतर पूरा कर रही है. जेजेपी की 10 सीटो समेत हरियाणा में बीजेपी सत्ता में है. अब जेजेपी कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि चौटाला सीएम बनें.