HARYANA VRITANT

किरण ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। उनका भाजपा के साथ अहीरवाल में राजनीतिक कद बढ़ सकता है। प्रदेश में तीन लाल देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल परिवार सदस्य एक साथ होंगे। अहीरवाल क्षेत्र की रैली में पीएम मोदी ने मंच पर बंसीलाल का नाम लिया था। 

कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण चौधरी ने अब हाथ का साथ छोड़ दिया है।

कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण चौधरी ने अब हाथ का साथ छोड़ दिया है। उनके भाजपा में शामिल होने के प्रबल आसार हैं। भाजपा के साथ जाने से किरण चौधरी का भिवानी के साथ ही अहीरवाल में राजनीतिक कद बढ़ सकता है क्योंकि भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय सीट भाजपा के खाते में हैं।

चुनाव के दौरान यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में मंच से पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल का नाम लिया था और 1996 के संस्मरण को साझा कर बंसीलाल के समर्थकों को साधा था। वैसे किरण के कांग्रेस से अलगाव का बीज चरखी दादरी में हुई रैली में राहुल गांधी के सामने ही पड़ गया था, क्योंकि ऐन चुनाव के वक्त किरण और राव दान सिंह के बीच तल्खी सार्वजनिक हो गई थी और चुनाव के बाद राव दान सिंह ने साथ नहीं देने का आरोप भी लगाया था।

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल परिवार का अच्छा खासा प्रभाव था। बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। पिछले कुछ समय से किरण को लेकर सियायी गलियारों में अफवाहें और कयास तेज हो गए थे लेकिन मंगलवार को उनके कांग्रेस से इस्तीफे के बाद तस्वीर अब स्पष्ट हो गई है। किरण अपनी बेटी श्रुति का राजनीतिक भविष्य भी साथ लेकर चल रही हैं। ऐसे में किरण चौधरी का फैसला उनकी बेटी श्रुति के राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा। 

हरियाणा के तीनों लाल होंगे एक डाल

हरियाणा की राजनीति में तीन लालों अहम स्थान पर रहा है। देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल। इस उलटफेर में दिलचस्प बात यह भी रहेगी कि भाजपा में अब तीनों लालों के पारिवारिक सदस्य शामिल जाएंगे। तीनों भाजपा रूपी पेड़ की शाखा यानी एक ही पेड़ की डाली पर होंगे। वहीं राजनीति में धुर विरोधी रहे भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा संसदीय क्षेत्र से सांसद चौ. धर्मबीर सिंह और किरण भी अब एक ही पार्टी का हिस्सा होंगे।

अब कांग्रेस में भतीजे का रास्ता साफ

कांग्रेस में किरण के रहते तोशाम से चुनाव लड़ने के अभिलाषी अनिरुद्ध चौधरी की ख्वाइश भी अब पूरी हो सकती है। अपनी चाची किरण चौधरी के कांग्रेस में रहते यह संभव नहीं हो सकता था। वहीं बाढ़डा सीट पर पूर्व विधायक व बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा भी कांग्रेस से मैदान में आ सकते हैं। बंसीलाल परिवार में महेंद्रा और किरण के बीच पारिवारिक विवाद भी जगजाहिर है। ऐसे में बंसीलाल परिवार का एक धड़ा कांग्रेस तो एक धड़ा भाजपा में रह सकता है।