HARYANA VRITANT

बहादुरगढ़ की मंडी(Bahadurgarh grain market)में सरसों की फसल बेचने के लिए बामनौली, ईस्सरहेड़ी, बादली, छारा, बराही, कानौंदा, कुलासी, सिद्दीपुर, नया गांव के किसान पहुंचे हैं। बुधवार को भी सरसों की सरकारी खरीद के लिए 46 किसानों के गेट पास काटे गए। कुल 781.64 क्विंटल सरसों मंडी में पहुंची।

बहादुरगढ़ की मंडी

बहादुरगढ़ अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद लगातार जारी है। पांच दिनों में हैफेड एजेंसी ने 2282 क्विंटल सरसों खरीदी है लेकिन उठान केवल 382 क्विंटल उठान हुआ है। उठान के बाद फसल गोदाम में जाने के बाद ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में किसानों का भुगतान भी तभी संभव होगा। किसानों को भुगतान न होने के पीछे सरसों का उठान करने वाले वाहनों में न लगा होना भी है। हैफेड अधिकारियों का कहना है कि वीरवार से जीपीएस अपडेट हो जाएगा। इस संबध में ठेकेदार के कड़े निर्देश दिए गए है। इसके बाद जैसे ही गोदाम में सरसों की फसल रखी जाएगी, तुरंत भुगतान हो जाएगा।

मंडी में फड़ पर कट्टों और खुले में सरसों की फसल रखी गई है। बुधवार को भी सरसों की सरकारी खरीद के लिए 46 किसानों के गेट पास काटे गए। कुल 781.64 क्विंटल सरसों मंडी में पहुंची। इसमें से 591 क्विंटल सरसों की खरीद की गई। मार्केट कमेटी सचिव अंजू दलाल ने हैफेड अधिकारियों को सरसों की फसल का जल्द से जल्द उठान करने के निर्देश दिए हैं।

बहादुरगढ़ की मंडी में सरसों की फसल बेचने के लिए बामनौली, ईस्सरहेड़ी, बादली, छारा, बराही, कानौंदा, कुलासी, सिद्दीपुर, नया गांव के किसान पहुंचे हैं। सरसों की फसल लगातार खरीदी जा रही है, लेकिन उठान कार्य धीमा है। इसकी वजह से किसानों को परेशानी हो रही है। मंडी मेें सरसों बेचने के लिए पहुंचने वाले किसान फसल को ट्रैक्टरों में ही भरकर रखते हैं। जब तक उठान नहीं हो जाता, तब तक वहां फसल नहीं उतारी जा सकती है।

अधिकारियों के अनुसार

हैफेड अधिकारियों और कर्मचारियों को उठान कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही मंडी से सारी सरसों की फसल उठाकर गोदाम में रखी जाएगी। गोदाम में आते हैं तो खरीदारी की जाएगी। बहादुरगढ़ में खरीदी गई सरसों का भुगतान जल्द होगा। सरसों का उठान करने वाली गाड़ियों में जीपीएस न लगने के कारण किसानों को भुगतान नहीं हो पाया। वीरवार को सभी गाड़ियों में जीपीएस अपडेट होगा। इसके बाद भुगतान तुरंत हो जाएगा। -जयपाल सिंह, मैनेजर, हैफेड।