हरियाणा कौशल विकास निगम में पैसे लेकर बिल पास कराने के मामले में आरोपी आईएएस विजय दहिया की तलाश में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमें जुट गई हैं। टीमों ने कई संभावित स्थानों पर छापेमारी भी की हैं, हालांकि, अभी तक दहिया ब्यूरो के हाथ नहीं आया है। 12 दिन पहले जिला पंचकूला अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद से ही दहिया भूमिगत है। उधर, हरियाणा सरकार ने पिछले सप्ताह दहिया को दोनों विभागों से रिलीव तो कर दिया है लेकिन अभी तक निलंबित नहीं किया है।
- मिशन में फैले भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खासे नाराज हैं। उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो और मुख्यमंत्री उड़न दस्ता टीमों को इसकी तह तक जाने का आदेश दिया है। इसके बाद से मुख्यमंत्री उड़नदस्ते ने प्रदेश में 35 प्रशिक्षण केंद्रों पर छापा मारा था।
- इसमें एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था, क्योंकि ऑनलाइन अधिक प्रशिक्षणार्थी दर्शाए गए है, जबकि मौके पर काफी संख्या में कम मिले। ऐसे में मुख्यमंत्री उड़न दस्ते ने दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। वहीं, जमानत खारिज होने के बाद से एसीबी की टीमों ने दहिया की तलाशी को लेकर छापेमारी तेज कर दी है।
20 अप्रैल को सामने आया था मामला
फतेहाबाद निवासी रिंकू मनचंदा की शिकायत में एसीबी की टीम ने दिल्ली की महिला पूनम चोपड़ा को तीन लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था। महिला ने कहा कि वह उसके 50 लाख रुपये के बिल पास करा देगी। महिला ने मिशन के आयुक्त आईएएस विजय दहिया को यह पैसे देने की बात कही थी, जबकि रिंकू दो लाख रुपये पहले ही महिला को दे चुका था। महिला की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद दहिया के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था।