अंबाला। छावनी बस स्टैंड पर बच्ची की पिटाई करना दंपति को महंगा पड़ गया। परिसर में खड़े यात्रियों ने बच्ची को पिटता देखकर बस स्टैंड पर तैनात पुलिस को बुला लिया। इसके बाद पुलिस दंपति और बच्ची को लेकर अड्डा इंचार्ज के पास ले गए। जहां पर बच्ची ने दंपति को पहचानने से ही इनकार कर दिया। मामला संदिग्ध देख अड्डा इंचार्ज अजीत सिंह ने बच्ची और दंपती को पुलिस के साथ लाल कुर्ती चौकी में भिजवा दिया। जहां अन्य परिजनों को बुलाया गया तब पता चला कि यह मारपीट करने वाले ही बच्ची के परिजन हैं।
जानकारी के अनुासर उत्तरप्रदेश के जिला देवरिया निवासी सुखविंद्र सिंह अपनी पत्नी राधिका और करीब दस साल की धेवती के साथ ट्रेन के माध्यम से पंजाब के सरहिंद अपनी बेटी के पास जा रहे थे। सोमवार की सुबह वह छावनी रेलवे स्टेशन पहुंचे। इसके बाद वह तीनों छावनी बस अड्डा आ गए और सरहिंद जाने वाली बस की इंतजार करने लगे। इतने में ही बच्ची किसी बात पर नाराज हो गई तो उसकी नानी ने बच्ची की पिटाई शुरू कर दी। यह देख कुछ छात्राओं ने स्थानीय पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस तीनों को पहले अड्डा इंचार्ज अजीत सिंह के पास इसके बाद लाल कुर्ती चौकी ले गए।
चौकी प्रभारी ने दंपति से नंबर लेकर बच्ची के माता पिता और अन्य परिजनों को बुला लिया। जब सभी आ गए तो परिजनों ने बताया कि बच्ची पिछले पांच महीने से नाना नानी के साथ रह रही थी। इसी दौरान बच्ची किसी बात पर गुस्सा हो गई और नानी ने धेवती की पिटाई कर दी। यह आसपास के यात्रियों को नहीं देखा गया और उन्होंने पुलिस बुला ली। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद माता पिता को बच्ची सौंप दी।
बच्ची अपने नाना नानी के साथ यूपी से पंजाब के सरहिंद जा रही थी, बस स्टैंड पर बच्ची की उसकी नानी ने पिटाई कर दी। जिसे देख यात्रियों ने पुलिस को बुला लिया। बच्ची को माता पिता को सौंप दिया।