Ambala News दिल्ली से जम्मू के बीच दो रेल लाइनें हैं—एक अप और एक डाउन। लगातार बढ़ती ट्रेनों की संख्या के कारण इन पर यातायात का दबाव बढ़ गया है। इसका परिणाम यह है कि कई बार एक ट्रेन को रास्ता देने के लिए दूसरी को रोका जाता है, जिससे ट्रेनों की समयसारणी प्रभावित होती है।
नई रेल लाइन का सर्वेक्षण पूरा
दिल्ली से जम्मू तक लगभग 600 किमी लंबी नई रेल लाइन का सर्वेक्षण पूरा हो गया है। पूना की एक विशेषज्ञ कंपनी ने यह सर्वे अप्रैल 2024 में शुरू किया था। तीन चरणों में सर्वे किया गया:
- दिल्ली से अंबाला
- अंबाला से जालंधर
- जालंधर से जम्मू
एफएसएल (एलाइन्मेंट रिपोर्ट) संबंधित मंडलों—दिल्ली, अंबाला, और जालंधर—को भेज दी गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की योजना बनाई जाएगी।
रेलवे बोर्ड की स्वीकृति आवश्यक
नई रेल लाइन परियोजना पर अंतिम मोहर रेलवे बोर्ड लगाएगा। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागीय अधिकारी अपनी प्रस्तुति बोर्ड के समक्ष देंगे, जिसमें नई लाइन की विशेषताएं और लाभ शामिल होंगे।
दोहरी या एकल लाइन का निर्णय
दिल्ली से अंबाला तक दो नई रेल लाइनें और अंबाला से जम्मू तक एक रेल लाइन प्रस्तावित है। हालांकि, यह निर्णय रेलवे बोर्ड की अंतिम रिपोर्ट पर निर्भर करेगा कि पूरी दूरी पर दोहरी लाइन बिछाई जाएगी या एकल।
परियोजना के लाभ
- यातायात का दबाव घटेगा: नई लाइन से मौजूदा रेल लाइनों का भार कम होगा।
- समयबद्धता में सुधार: ट्रेनों की लेटलतीफी कम होगी, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
- अधिक ट्रेनों का संचालन: इस नए नेटवर्क से ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
मौजूदा संचालन
वर्तमान में दिल्ली से जम्मू तक रोजाना 90 से अधिक ट्रेनें चलती हैं। इनमें से अंबाला कैंट से लगभग 20 ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें वंदे भारत और हमसफर जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं।
अगला कदम
सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ट्रैफिक और अन्य जानकारियां एकत्र की जा रही हैं। फाइनल रिपोर्ट तैयार करके इसे रेलवे बोर्ड को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके बाद परियोजना को सिरे चढ़ाया जाएगा।