अंबाला सिटी। हरियाणा पंजाब सीमा बंद होने का असर दिखाई दे रहा है। दो महीने से अधिक समय से बंद चल रही इस सीमा पर मौजूद दो शराब के ठेके अपनी फीस ही आबकारी एवं कराधान विभाग को नहीं चुका पाए। अब रिकवरी खड़ी हुई तो विभागीय अधिकारियों ने शराब बिक्रेता फर्म लिकर वर्ल्ड काे इस बाबत नोटिस जारी किया। विभाग का राजस्व नहीं आया तो अब फर्म की संपत्ति को अटैच करने की कार्रवाई की गई है। अगर अभी भी फर्म देनदारी नहीं चुकाती है तो जल्द ही संपत्ति कुर्क करने के बाद संपत्ति को बेचकर सरकार राजस्व की भरपाई की जाएगी।
दोनों ठेकों पर एक करोड़ रुपये की देनदारी बकाया है। इसको अभी तक जमा नहीं कराया गया है जबकि इन दोनों के अलावा कोई भी ठेका डिफॉल्टर नहीं हुआ है। दोनों डिफॉल्टर ठेकों की आमदनी पंजाब से आने जाने में राजमार्ग का प्रयोग करने वाले लोगों से प्रमुख तौर पर होती थी।
प्रदेश में हर साल कई फर्में हो जाती हैं डिफॉल्टर…
फर्मों का सरकार राजस्व को न जमा करना और डिफॉल्टर होना कोई नई बात नहीं है। एक समय था जब कई-कई फर्में करोड़ों रुपये के राजस्व को चूना लगाते हुए अपने आप को डिफॉल्टर घोषित करा लेती थीं। आबकारी विभाग के अधिकारी जब इनकी संपत्ति अटैच करने के लिए कार्यवाही शुरू करते तो इनके दस्तावेजों में संपत्ति की जानकारी ही नहीं मिलती थी।
ऐसे में ऐसी डिफॉल्टर फर्मों के मामले कागजों में ही दबे रहते। वहीं दूसरी तरफ शराब कारोबारी नए चेहरे और नए कागजों के साथ बोली को नए सिरे से ले लेते। इससे कभी मामले अंजाम तक ही नहीं पहुंचते। मगर पिछले कुछ वर्षों में शराब नीति में बदलाव के बाद इस पर सख्ती की गई है।
फर्म की नारायणगढ़ में संपत्ति की थी जानकारी…
फर्म काे शराब का ठेका देने से पहले पिछली बार एक फार्म भरवाया गया था। इसमें ठेका लेने वाली फर्म को अपनी संपत्ति की जानकारी देनी होती है। लिकर वर्ल्ड ने भी ठेका लेते समय अपनी संपत्ति नारायणगढ़ में दिखाई थी। इसमें एक कृषि भूमि व एक प्लॉट था। यही जानकारी विभाग के लिए हथियार बनी और दोनों संपत्तियों को विभाग ने अटैच कर लिया। जल्द इसे कुर्क किया जाएगा।
शंभू बॉर्डर के पास स्थित दो ठेकों की एक करोड़ रुपये की फीस बकाया है। इनकी संपत्ति अटैच की गई है। अशोक कुमार, डीईटीसी, आबकारी एवं कराधान विभाग