अंबाला। अंबाला-जगाधरी हाईवे की सुंदरता के लिए डिवाइडर पर लगे लाखों रुपये के पौधे अनदेखी के कारण हीट वेव की चपेट में आ गए है। स्थिति यह है कि बिना पानी के अधिकतर पौधे सुख गए है। हालांकि वन विभाग का दावा है कि एक सप्ताह पहले ही पानी डाला गया है लेकिन पौधों की स्थिति कुछ ओर ही बयां कर रही है।
वन विभाग की तरफ से ब्लैक फाइकस और पॉम के पौधे लगाए गए थे। इनमें से अधिकतर पूरी तरह से सुख गए है। कुछ की तो महज डंडी रह चुकी है तो कुछ ही जड़े तक सुख गई है। जबकि मानसून से पहले यह पौधे लगाने का मकसद यह था कि बरसातों में पूरी तरह से खिल जाए और अपनी जड़ें पकड़ ले लेकिन यह मानसून से पहले ही दम तोड़ते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, अंबाला-जगाधरी हाईवे पर छावनी बस स्टैंड से लेकर रामपुर मोड़ तक वन विभाग की तरफ से सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए थे। हर दो कदम की दूरी पर यह पौधे लगे हुए है। इनमें से कुछ तो बेहसारा गोवंशों की भेंट चढ़ गए है जिन्हें गोवंशों ने खा लिया और कुछ को नष्ट कर दिया। जो बचे थे वो अब वन विभाग की भेंट चढ़ गए। हाईवे के डिवाइडरों की यह सुंदरता अब बदसूरती में तब्दील होती जा रही है।
जगह-जगह लगे ट्री गार्ड भी हो गए गायब…
वन विभाग की तरफ से अबकी बार पौधे लगाने के साथ-साथ ट्री गार्ड भी लगाए गए थे लेकिन अब अधिकतर ट्री गार्ड को या तो बेसहारा गोवंश ने तोड़ दिया है तो कुछ वाहनों की चपेट में आ गए। करीब दो किलोमीटर के दायरे में यह ट्री गार्ड कहीं जगह से गायब हो गए है। जबकि अधिकतर ट्री गार्ड टूटने के बाद वन विभाग ने इन्हें सीमेंट से पक्का कर लगाने का काम भी शुरू किया था। वन विभाग से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि काफी टूटे हुए ट्री गार्ड उनके पास है और उनकी मरम्मत के बाद उन्हें लगाया जाएगा।
वन विभाग ने 22 मामलों की सौंपी शिकायत…
इधर, सड़क किनारे हाल ही में लगाए गए पेड़ पौधे और पहले के लगे हुए पेड़ों में रोजाना आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिसके चलते वन विभाग की ओर से 22 मामलों में अज्ञात के खिलाफ शिकायत भी दी जा चुकी है। विभाग का कहना है लोग सड़क पर चलते हुए जलती हुई बीड़ी सिगरेट इधर उधर फेंक देते हैं। जिससे आग लग जाती है। ऐसे में पेड़ों को काफी नुकसान होता है। उन्होंने लोगों से अपील कि है कि प्रकृति का भी ध्यान रखें और बीड़ी सिगरेट वन क्षेत्र में न फैंके।
वर्जन
कुछ समय पहले ही पानी दिया गया है। गर्मी अधिक होने के कारण कुछ पौधे सूख गए है उन्हें मानसून से पहले बदल दिया जाएगा। जहां पर ट्री गार्ड नहीं है उन्हें लगाया जाएगा।
मोहित, गार्ड, वन विभाग