अंबाला। दर्जनों बार स्टेशन को उड़ाने की धमकियां मिल चुकी हैं और सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधों के दावे भी किए जा चुके हैं। इसका अंदाजा रेलवे स्टेशन पर लगे एक मात्र लगेज स्कैनर को देखकर लगाया जा सकता है जो सात माह से खराब है। लोग बेखौफ स्टेशन पर आवागमन कर रहे हैं।
धमकी के बाद जागते हैं अधिकारी…
पूर्व में कई एजेंसियां स्टेशन की सुरक्षा को लेकर मंथन भी कर चुकी हैं। बावजूद इसके सुरक्षा को लेकर आजतक कोई सुदृढ़ योजना तैयार नहीं हो पाई। रेलवे स्टेशन के गेट पर संतरी न सुरक्षा के कोई पुख्ता प्रबंध हैं। कहीं जाने-अनजाने कोई वारदात हो जाए तो आरोपी को पकड़ना मुमकिन नहीं है। स्टेशन पर लगे सीसीटीवी का फोटो भी साफ नहीं होता। जब भी स्टेशन को उड़ाने की धमकी मिलती है या फिर मुख्यालय से कोई अलर्ट आता है तो खानापूर्ति के नाम पर एक-दो दिन के लिए डॉग स्क्वायड के साथ यात्रियों का सामान जरूर खंगाला जाता है।
लगातार बढ़ रही चोरियां…
रेलवे स्टेशन की सुरक्षा तो आधी-अधूरी है। वहीं, ट्रेनों में भी सुरक्षा के नाममात्र प्रबंध हैं, जिसका जहां मन किया कोच में चढ़ गया और यात्री का सामान लेकर रफूचक्कर हो गया। अब तो हालात ऐसे हैं कि ट्रेन में सबसे सुरक्षित कहे जाने वाले एसी कोच ही चोरों के निशाने पर हैं। इसका अंदाजा अंबाला कैंट के जीआरपी थानों में दर्ज हो रहे मुकदमों से लगाया जा सकता है। इसमें अधिकतर चोरी के मामले एसी कोच से जुड़े होते हैं।
लगेज स्कैनर खराब हो गया है। इसकी जगह नया स्कैनर लगाया जाना है। वहीं यात्री सुरक्षा और ट्रेनों में चोरियां रोकने के लिए भी विशेष प्रबंध किए गए हैं। जीआरपी के साथ मिलकर यह कार्रवाई की जा रही है। ट्रेनों में भी गश्त टुकड़ियों को बढ़ाया जा रहा है, जिससे कि चोरी की घटनाओं पर विराम लग सके।