अंबाला। शंभू रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलवे लाइन पर 17 अप्रैल से जमा किसान हटने को तैयार नहीं हैं। इस कारण वीरवार को भी 133 ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहा। 58 ट्रेनों को बदले मार्ग से चलाया गया, वहीं 62 ट्रेनों को पूर्णतौर पर रद्द किया गया जबकि 13 ट्रेनों को बीच रास्ते रोककर पुन: संचालित किया गया। यही स्थिति रही तो ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान घरों और दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जो चार माह पहले ही आरक्षण करा चुके हैं। ऐसे यात्रियों को आरक्षण रद्द करा अन्य विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।
खामियाजा भुगतना पड़ सकता है…
ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू होने से पहले ही ट्रेनों में वेटिंग का आंकड़ा 100 के पार हो गया है, वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन की वजह से ट्रेनों का संचालन प्रभावित है। ऐसे में छुट्टियों के दिनों में अपने घरों या फिर दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कंफर्म टिकट यात्रियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना…
स्थिति यह है कि अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना 300 से अधिक मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों सहित मालगाड़ियों का संचालन होता था लेकिन किसान आंदोलन के कारण इन दिनों मात्र 153 ट्रेनों सहित 40 मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है। इनमें से भी 36 यात्री ट्रेनें अंबाला कैंट स्टेशन पर न आकर धूरी-जाखल के रास्ते लुधियाना जा रही हैं। ऐसे में ट्रेन में सवार होने वाले यात्रियों को पहले लुधियाना जाना पड़ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी 70 पैसेंजर ट्रेनों के कारण हैं जो कि 17 अप्रैल से रद्द हैं।
किसान आंदोलन के कारण ट्रेनों का संचालन…
किसान आंदोलन के कारण ट्रेनों का संचालन पूरी तरह प्रभावित है। जब तक किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं, तब तक इसी प्रकार व्यवस्था रहेगी। अगर ऐसे ही हालात रहे तो इसका असर ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान दूर-दराज के क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों पर भी पड़ेगा। इसलिए यात्रियों को दूसरे विकल्प को भी तैयार रखना होगा।