HARYANA VRITANT

अंबाला। अंबाला के साइंस उद्याेग को केंद्रीय बजट से काफी आस थी। वह चाहते थे कि टैक्स स्लैब में उन्हें राहत मिले इसके साथ ही एमएसएमई के तहत आने वाले कारोबारियों को सरकार राहत दे। मगर उन्हें मौजूदा समय में तो ऐसी राहत मिलती नहीं दिख रही है।

सांकेतिक तस्वीर

कारोबारियों का कहना है कि हर बार वह सरकार से आस लगाते हैं कि उन्हें टैक्स स्लैब में राहत मिलेगी मगर पहले तो स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किए अब किया है तो सिर्फ तीन से सात लाख रुपये तक की आय वाली श्रेणी बढ़ा दी है। जबकि सभी कारोबार इससे अधिक की स्लैब में आते हैं।

इसके साथ ही कारोबारियों को आस थी कि ऐसे एमएसएमई उद्योग जिन्हें सबल करने की जरूरत है उसके लिए सरकार विशेष कदम उठाए मगर इस पर भी कोई घोषणा नहीं की गई। जो एमएसएमई के लिए विशेष पैकेज देने की घोषणा की है उसका लाभ उन्हें मिलेगा या नहीं इसका भी कोई भरोसा नहीं है। अंबाला साइंस इंस्ट्रूमेंट मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन यानि असीमा के महासचिव गौरव सोनी ने बताया कि सरकार बैंकों से बिना सामान गिरवी रखे लोन दिलाने की बात कर रही है मगर हकीकत यह है कि जब बैंकों के पास कारोबारी लोन लेने जाते हैं तो वह सबसे पहले जमीन या अन्य संपत्ति मांगते हैं। हमारी साधारण सी मांग थी कि सबसे पहले तो टैक्स स्लैब में सरकार राहत दे।

इसके बाद एमएसएमई की योजनाओं का सरलीकरण करे जिसे उन्हें भी जानकारी मिल सके। कई योजनाओं का तो कारोबारियों को पता ही नहीं चलता है। जबकि दूसरे राज्याें में साइंस का कारोबार करने वाले लोग इसका फायदा उठाकर अपने कारोबार को बढ़ा रहे हैं।