HARYANA VRITANT

अंबाला। लगभग तीन साल से नवनिर्माण की बाट जोह रही नगर परिषद के नई इमारत को लेकर एक बार फिर प्रक्रिया आरंभ हो गई है। नगर परिषद की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत सलाहकार की नियुक्ति हो गई है जोकि अब नई इमारत के निर्माण का लेखा-जोखा तैयार करेगा।

सांकेतिक तस्वीर

इस संबंध में नप के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी नई इमारत के स्वरूप को लेकर सलाहकार से मंत्रणा करेंगे कि उन्हें इमारत का स्वरूप कैसा हो और यहां किन-किन सुविधाओं को तैयार किया जाए। सलाहकार को विस्तृत रिपोर्ट मिलते ही प्रस्ताव तैयार हो जाएगा कि नई इमारत में आमजन से जुड़ी क्या सुविधाएं हाेंगी और इसका आकार कैसा होगा।

इस प्रस्ताव के तहत ही नई इमारत के निर्माण पर होने वाले खर्च का ब्यौरा तैयार होगा और फिर पूरे प्रस्ताव को मान्यता के लिए निकाय विभाग के मुख्यालय भेजा जाएगा ताकि तकनीकी स्वीकृति मिलते ही नप की नई इमारत के निर्माण से जुड़ी अन्य प्रकिया पूरी की जा सकें और जल्द निविदा जारी करके इसका काम भी शुरु करवाया जा सके।

फंड से अटकी थी योजना

नगर परिषद की इमारत को नए सिरे से तैयार करने के लिए वर्ष 2021 में कार्यवाही आरंभ की गई थी। इमारत को लेकर थ्री डी नक्शा तैयार किया गया। इस इमारत के निर्माण पर लगभग 66 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे और इसका स्वरुप एक बड़े मॉल की तरफ बनाया गया था ताकि इमारत के अंदर ही लोगों को भूमिगत पार्किंग सहित होटल,रेस्त्रां और अन्य सुविधाएं मिल सकें। लेकिन फंड की कमी के चलते निकाय विभाग ने इस प्रस्ताव को वापिस भेज दिया था और इस दौरान निर्देश दिए थे कि वो अपने स्तर पर ही फंड का जुगाड़ करें और फिर इमारत का निर्माण करवाएं। लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी नगर परिषद फंड का प्रबंध नहीं कर पाया।

जर्जर इमारत, हादसे का रहा

मौजूदा समय में नगर परिषद की इमारत काफी खस्ताहाल है। रोजाना किसी ने किसी कमरे में छत से सीमेंट की पपड़ी टूटकर गिर रही है। गनीमत है कि अभी किसी कर्मचारी को बड़ी चोट नहीं आई। जिस दिन ऐसा होगा तो उस दिन नप प्रशासन के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी। लगातार जर्जर हो रही इमारत में 500 से अधिक कर्मचारी जान-जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।

नगर परिषद की नई इमारत के निर्माण के लिए सलाहकार की नियुक्ति को लेकर जो प्रस्ताव मुख्यालय भेजा था। उसे स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही सलाहकार के साथ बैठक करके नई इमारत के नव निर्माण को लेकर स्वरूप और लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा कि इस पर कितना खर्च आएगा।