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चरखी दादरी : कॉमनवेल्थ में गोल्ड विजेता वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियन बॉक्सर नीतू घनघस ने सरकार की खेल नीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि खेल नीति में सुधार की आवश्यकता है। उसमें सुधार नहीं किया गया तो देश को ही मेडलों का घाटा होगा। उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री के साथ-साथ हरियाणा सरकार से खेल नीति में सुधार करने की मांग की।

नीतू घनघस का लक्ष्य एशियन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के साथ ओलंपिक में क्वालीफाई करना

दरअसल कॉमनवेल्थ में गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीतू घनघस पहली बार दादरी पहुंची थी और यहां सामाजिक संगठनों ने उनको सम्मानित किया। नीतू घनघस ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य एशियन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के साथ-साथ ओलंपिक में क्वालीफाई करना है। इसके लिए वे ग्राउंड पर पूरी मेहनत कर रही है। मेडल जीतने के बाद जनता का लगातार आशीर्वाद मिल रहा है और जनता की आशाओं पर खरा उतरने का भरसक प्रयास करेंगी।

खेल नीति में सुधार होगा तो देश को मेडल का घाटा नहीं उठाना पड़ेगा- नीतूू घनघस 


इस दौरान नीतू घनघस ने कहा कि खेल नीति में सुधार होगा तो देश को मेडल का घाटा नहीं उठाना पड़ेगा। कुछ खेलों में जहां खिलाड़ियों की अनदेखी की जा रही है और प्रताड़ना का भी सामना करना पड़ रहा है। यहीं कारण है कि खिलाड़ियों को अपनी मांगों के लिए जंतर-मंतर पर बैठना पड़ा। भिवानी साई से बॉक्सिंग हटाने के मामले में भी उन्होंने कहा कि सरकार की साई से बाक्सिंग को खत्म करने की योजना है जो खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा। वहीं उन्होंने साई में बाक्सिंग में महिला खिलाड़यों का कोटा भी शामिल करने की आवाज उठाई। साथ ही केंद्रीय खेल मंत्री से खिलाड़ियों की सुविधाओं को खत्म करने की बजाये बढ़ाने की मांग की।

By Anita

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