पंजाब के बाद हरियाणा में भी बंदूक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले गायकों पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गई है। प्रदेश सरकार ने तो प्रतिबंध लगा ही रखा है, अब एसटीएफ भी शिकंजा कस रही है। करीब दो माह पहले गुरुग्राम में हरियाणवी गायक मासूम शर्मा के लाइव कंसर्ट के बाद बंदूक संस्कृति के गानों को लेकर विवाद बढ़ गया था।

एसटीएफ की कवायद को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। एसटीएफ चीफ ने हाल ही में गुरुग्राम में हरियाणा के संगीत जगत के कलाकारों और गायकों के साथ बैठक कर ऐसे गानों पर रोक लगाने को कहा था। एसटीएफ चीफ सिमरदीप सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में उस ट्रेंड पर चर्चा की गई, जिसमें कुछ गानों के जरिए अपराध, हथियार संस्कृति, नशे का प्रयोग और कानून विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
बैठक में हरियाणवी गायक और गीतकार अमित सैनी रोहतकिया, मुकेश जाजी, नरेंद्र भगाना, पीएस पलिस्त, कोमल, अंजलि, अंकित मुरथलिया, मोहित मजारिया, अमनराज गिल, आदित्य भगाना, मीना जाजी और डी-नवीन मौजूद रहे।
एसटीएफ आईजी सिमरदीप सिंह ने बताया कि हाल ही में इंटरनेट मीडिया से कुछ गाने इसलिए हटाए गए हैं, क्योंकि उनमें गैंगस्टरों, नशे के इस्तेमाल और कानून के विरोध को महिमामंडित किया गया है। इन गानों का इंटरनेट मीडिया पर आपराधिक तत्वों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। इससे युवाओं में गलत संदेश जा रहा है। कुछ गानों में कुख्यात गैंगस्टरों का नाम लेकर उनके कृत्यों को महिमामंडित करने का प्रयास किया गया है, जिससे जनता में भय और आपराधिक छवि को बढ़ावा मिलता है।
एसटीएफ ने स्पष्ट किया कि हरियाणा पुलिस रचनात्मक स्वतंत्रता का सम्मान करती है, लेकिन इसका दुरुपयोग समाज में अपराध, हिंसा या कानून विरोधी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। कलाकारों से जिम्मेदार नागरिक के रूप में कार्य करने और नकारात्मक प्रभाव डालने वाली सामग्री न बनाने का आग्रह किया गया।