HARYANA VRITANT

कुरुक्षेत्र। बारिश के सीजन में जलभराव व बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए पुख्ता बंदोबस्त व पूरी तैयारी किए जाने के दावे किए जा रहे हैं। कई जगहों पर तैयारी भी दिखाई देने लगी है तो वहीं प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर राज्यमंत्री भी किए जा रहे प्रबंधों का निरीक्षण कर चुके हैं तो वहीं और भी पुख्ता प्रबंधों को लेकर निर्देश भी दे चुके हैं। इसी बीच जहां लोग पिछले वर्ष आई बाढ़ से मिले जख्म नहीं भूल पाए हैं वहीं बाढ़ का मुख्य कारण रहे लिंडा ड्रेन (नाले) का भय अभी भी ज्यों का त्यों बना हुआ है।

सांकेतिक तस्वीर

भले ही सिंचाई विभाग ने पिछले वर्ष आई बाढ़ से सबक लेते हुए इस ड्रेन पर स्टोन पिचिंग किए जाने से लेकर पटरी को पक्का किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया तो प्रदेश सरकार ने 117 करोड़ रुपये से अधिक का बजट भी मंजूर कर लिया, लेकिन बारिश के इस सीजन में इसका फायदा लोगों को होने की उम्मीद नहीं है। अभी तक विभाग इस कार्य को पूरा करने के लिए प्रक्रिया ही पूरी करने में जुटा है। ऐसे में बारिश के इस सीजन में यह कार्य होने की उम्मीद नहीं है।

इसी ड्रेन ने पिछले साल बरपाया था कई गांव व कॉलोनियों में कहर

पिछले वर्ष जहां जमकर बारिश हुई तो सभी नदियां व नाले भी ओवरफ्लो हो गए थे। ऐसे में बरसाती ड्रेन के तौर पर बना लिंडा नाला भी ओवरफ्लो होकर बहने लगा था, लेकिन गांव दबखेड़ी के समीप इसकी पटरियां पानी का दबाव नहीं सहन कर पाया था। करीब 200 फीट तक कटाव होने से शहर की शांति नगर, आजाद नगर, दीदार नगर तक बाढ़ का पानी भर गया था तो वहीं नरकातारी, जोगनाखेड़ा व आसपास का एरिया जलमग्न हो गया था तो हजारों एकड़ फसल भी डूब गई थी। लोगों को सेना के जवानों के जरिए रेस्क्यू तक करना पड़ा था।

साहब किसी ने नहीं की भरपाई, अनाज तक बह गया था…

दीदार नगर की रहने वाली कृष्णा देवी का कहना है कि उनके घर में करीब पांच फीट तक पानी भर गया था, जिसमें बेड, कपड़े व अन्य पूरा सामान खराब हो गया था तो अनाज तक बह गया था। पड़ोस की छत पर कई दिन रहना पड़ा था तो उनके घर की दीवारों, फर्श को भी भारी नुकसान हुआ था। हालत यह है कि अभी भी घर की छत गिरने वाली है। बाढ़ शांत हुई थी तो सरकारी टीम उनके पास नुकसान देखने पहुंची थी, लेकिन आज तक कोई भरपाई के लिए नहीं पहुंचा। वहीं कुसुम बताती है कि बाढ़ से उनके घर का फर्श बैठ गया था तो दीवारों में दरारें आ गई थी। आज तक घर की यह हालत ठीक नहीं करवा पाए हैं। अब फिर बारिश का सीजन सिर पर है, जिसके चलते भय बना हुआ है।

बजट मंजूर हुआ, जल्द शुरू किया जाएगा कार्य, एक्सईएन…

सिंचाई विभाग के एक्सईएन मुनीष बब्बर का कहना है कि लिंडा नाला बरसाती पानी की निकासी के लिए है। यह पिछले साल की तरह दोबारा जलभराव व बाढ़ का कारण न बने, इसके लिए इस पर स्टोन पिचिंग व किनारे पर पक्का पाथ बनाए जाने की योजना बनाई गई है, जिसके लिए बजट मंजूर हो चुका है। जल्द ही काम भी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।