HARYANA VRITANT

कैथल। जिला परिषद सफाई घोटाले के बाद अब जिले में 96 लाख रुपये की छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया है। इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल की टीम ने पांच आरोपियों के खिलाफ शुरू की गई जांच को पूरा कर लिया है। गौरतलब है कि इस मामले में आरोपियों ने कई विद्यार्थियों ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 में पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में कई कोर्सों में फर्जी दाखिले दिखाए थे। इस कारण आवेदन के नाम वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी थी। इस छात्रवृत्ति को आरोपियों ने स्वयं ही हड़प लिया था। इस घोटाले के मामले में एसीबी कैथल ने करीब दो महीने पहले ही पांच आरोपियों के खिलाफ अंबाला थाने में केस दर्ज किया है। अब एसीबी को इन आरोपियों की तलाश है। इसके तहत विभिन्न टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जल्द ही दबिश देगी।

सांकेतिक तस्वीर

यह है पूरा मामला…

एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय के अनुसार कैथल में पांच आरोपियों ने एक शिक्षण संस्थान का रजिस्ट्रेशन करवाकर वर्ष 2014-15 और 2015-16 में पंजाब के विभिन्न कॉलेजों में कई कोर्सों में फर्जी दाखिले दिखाए थे। इस दौरान इन दो साल में दो हजार से अधिक विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले दिखाए गए थे। गौरतलब है कि जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय की ओर से अनुसूचित जाति के वर्ग के एक छात्र को 30 से 35 हजार रुपये छात्रवृत्ति सरकार की ओर से विभिन्न कोर्साें में शिक्षा प्राप्त करने के लिए दी जाती है। इस राशि का गोलमाल ही पांच आरोपियों ने किया है। इसमें विभाग के कर्मचारियों के साथ बैंक कर्मियों की भी मिलीभगत बताई जा रही है। एसीबी कैथल को सरकार ने यह जांच सौंपी थी। जो अब करीब आठ साल बाद पूरी हुई है।

एएनएम व जीएनएम कोर्सों में भी दिखाया गया दाखिला…

घोटाला के तहत एसीबी की ओर से की गई जांच में सामने आया कि गोलमाल करने वाले लोगों ने पंजाब के विभिन्न कालेजों में Scamमें दाखिला दिलाया। इन कोर्सों के काॅलेजों की संख्या स्थानीय स्तर पर कम है, इसलिए दूसरे राज्य में दाखिला दिलाते हुए विभाग से छात्रवृत्ति ले ली। एसीबी इस मामले से जुड़े विद्यार्थियों से पूछताछ भी कर चुका है। पूछताछ में सामने आया है कि उन्हें जानकारी ही नहीं थी कि उनका दाखिला किस काॅलेज में है और छात्रवृत्ति उन्हें सरकार की तरफ से दी जानी है। ठगी करने वाले लोगों ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के फर्जी दाखिले दिखाकर यह राशि हड़पी है, क्योंकि बीसी वर्ग के बच्चों को कम व एससी वर्ग के बच्चों को राशि ज्यादा दी जाती है।

जिला कल्याण विभाग की तरफ से अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति में करीब 96 लाख रुपये की गड़बड़ी हुई है। इसमें पांच आरोपी है। इसमें तीन कैथल, एक करनाल और एक दिल्ली का निवासी है। इन आरोपियों ने शिक्षण संस्था बनाकर फर्जी तरीके से इस राशि को हड़पा है। बच्चों के फर्जी दाखिल पंजाब के विभिन्न कालेजों में दिखाए गए थे। इस मामले में एसीबी की जांच पूरी हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही पांच आरोपियों के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया है। अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जाएगी- महेंद्र सिंह, प्रभारी, एंटी करप्शन ब्यूरो, कैथल