अंबाला। मालगाड़ी के लोको पायलट ने कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) के समक्ष बयान दर्ज करवाए हैं कि नींद की झपकी के कारण वो सिग्नल को नहीं देख पाए और हादसा हो गया। लगभग 20 से 22 कर्मचारियों के बयान दर्ज करने के बाद सीआएस की टीम वापिस लौट गई है।
अब तथ्यों और प्राप्त बयानों के आधार पर दुर्घटना का आकलन किया जाएगा जिससे दोबारा से ऐसी कोई नौबत न आए। वहीं, दुर्घटना से सबक लेते हुए डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर के अधिकारी भी दोबारा से लोको पायलटों का मनोबल बढ़ाने में जुट गए हैं। इस दौरान यह भी जानकारी सामने आई है कि जितने भी पहले रेलवे हादसे हुए हैं वो सुबह तीन और चार बजे के बीच हुए हैं क्योंकि इस दौरान नींद बहुत आती है।
ऐसे ही कुछ मामलों में लोको पायलट ने पूर्व भी अपने बयान दर्ज करवाए हैं। गौरतलब है कि रविवार तड़के लगभग 3.16 बजे डीएफसीसीआईएल कॉरिडोर के न्यू सरहिंद रेलवे स्टेशन पर हादसा हो गया था। जब पहले ही स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी को पीछे से आई दूसरी मालगाड़ी ने जोरदार टक्कर मार दी।
टक्कर के कारण मालगाड़ी का इंजन अंबाला-लुधियाना रेल सेक्शन की मुख्य अप लाइन पर पलट गया और इस दौरान कोलकाता-जम्मूतवी स्पेशल ट्रेन नंबर 04681 लाइन से गुजर रही थी। इस ट्रेन के अंतिम दो कोच इंजन की चपेट में आ गए। गनीमत रही कि समय रहते यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए और एक बड़ा हादसा होने से टल गया। किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई।