HARYANA VRITANT

अंबाला सिटी। प्रदेश के परिवहन मंत्री असीम गोयल के नन्यौला गांव की राजनीति में अहम भूमिका रहेगी। असीम गोयल दो बार शहर विधायक चुने गए। उनकी जीत में गांव के वोटर का अहम योगदान रहा है। भाजपा नेता संजय शर्मा भी इस गांव से हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं…

उन्होंने भी 2009 में भाजपा से चुनाव लड़ा था। वहीं, इनेलो की टिकट पर भी यहां से चुनाव लड़ा है, मगर इस बार चुनाव का माहौल बदला-बदला नजर आ रहा है। किसी भी पार्टी के लिए जीत की डगर आसान नहीं है। चुनावी रण में यहां के मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे, क्योंकि यह गांव शहर विधानसभा के बड़े गावों में से एक है।

पिछले लोकसभा चुनावों की बात करें तो यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रहा है। वहीं, इस बार इनेलो और जजपा के कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं। इस बार चुनावी रण में सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में सुविधाएं तो काफी हैं। गांव में पाॅवर हाउस, पशु अस्पताल, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, चौपाल बनाई गई हैं, लेकिन इन भवनों में सुविधाओं की कमी है। रोजगार की कमी होने से गांव के 150 से ज्यादा युवा विदेश चले गए हैं। अग्निवीर योजना से भी लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है।

पंजाब से सटा गांव, एक किमी बाद पंजाब शुरू…

यह गांव पंजाब से सटा है। एक किलोमीटर बाद ही पंजाब शुरू हो जाता है। गांव में करीब 3500 मतदाता है। मई महीने में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है। ऐसे ही चुनावी माहौल भी गर्म हो रहा है। राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी वोट मांगने के लिए शहर व गांव-गांव पहुंच रहे हैं। चुनाव के बीच में राशनकार्ड, परिवार पहचान पत्र, वैक्सीन, रोजगार और किसान आंदोलन के मुद्दे चर्चा में हैं।

जहां यह मुद्दे लोगों की जुबान पर हैं, वहीं, वोटर खामोश भी हैं, यह भी चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई लोगों को राशनकार्ड बनने से राहत मिली तो कई लोगों के राशनकार्ड भी कट गए। बीते दिनों से चर्चा में चल रहा वैक्सीन का मुद्दा भी लोगों की जुबान पर है। स्थानीय लोग बताते हैं कि पंजाब से सटा होने से यह गांव अहम भूमिका में रहता है। किसान आंदोलन भी चुनावों में चर्चा में हैं। इसका असर भी कहीं न कहीं देखने को मिल सकता है।