HARYANA VRITANT

करनाल। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के पास तीन वर्षों में 103 बाल विवाह की शिकायतें आईं जिसमें 33 झूठी पाई गई हैं। शेष 70 मामलों में कार्रवाई की गई। 41 मामलों में माता-पिता को समझा कर और कोर्ट ऑर्डर के माध्यम से बाल विवाह रुकवाने में सफलता भी मिली है। वहीं 25 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।

सांकेतिक तस्वीर

नए जमाने मेंं लोगों की सोच में बदलाव आया है जिससे बाल विवाह में भी कमी आई है लेकिन अभी भी इस पर पूर्ण विराम नहीं लग सका है। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत चल रहे महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग काउंसलिंग भी करता है।

संरक्षण अधिकारी सविता राणा ने बताया कि विभाग के पास आने वाले बाल विवाह के प्रत्येक मामले से संबंधित माता-पिता की काउंसलिंग करवाई जाती है। ज्यादातर मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से निपटारा करवाया दिया जाता है। कुछ मामलों में कोर्ट और पुलिस की सहायता लेकर भी बाल विवाह रुकवाने पड़ते हैं लेकिन इनकी संख्या नाममात्र ही रहती है।

तीन सालों में मात्र सात केसों का कोर्ट के माध्यम से निपटारा करवाया गया। वहीं 25 केसों में एफआईआर दर्ज करवाई है। जिले में वर्ष 2023 में आए 49 मामलों में चार केस माइग्रेट यानी अन्य प्रदेशों की बालिकाएं शामिल मिली थीं। उन्होंने बताया कि कई बार पड़ोसी ही शादी का माहौल बिगाड़ने के लिए इस तरह की झूठी शिकायत दे देते हैं। कई बार तो जिस घर में बाल विवाह की शिकायत की जाती है, वहां शादी समारोह भी नहीं मिलता। – संवाद

शादी के लिए ये नियम

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह से उप-निरीक्षक राजेश चंद्र ने बताया कि शादी के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक और लड़के की उम्र 21 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। आम जनता को इसे रोकने में प्रशासन की मदद करनी चाहिए। बाल्यावस्था होने के कारण लड़का व लड़की शादी की जिम्मेदारी उठाने में सक्षम नहीं होते हैं। निर्धारित उम्र से पहले विवाह होने पर उनका मानसिक विकास भी बाधित होता है।

बाल विवाह करने पर सजा का प्रावधान

जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह विभाग से एमपीडब्ल्यू सीमा ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू किया है। कोई बाल विवाह करता है तो यह गैर जमानती अपराध है। पकड़े जाने पर दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। इसमें पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को बाल विवाह की सूचना मिलती है तो वह कंट्रोल रूम नंबर 100, महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर फोन करके सूचना दे सकता है।