HARYANA VRITANT

रोहतक के निंदाना गांव में 2017 से रंजिश शुरू हुई। इसकी कहानी मामूली बात को लेकर हुई कहासुनी से शुरू हो गई, जो बाद में मारपीट में बदल गई। उसके बाद से सात साल से डीसी और गबदू गैंग के बीच खूनी रंजिश चल रहा है, जिसमें अब तक सात हत्या हो चुकी हैं।

रोहतक के निंदाना गांव में 2017 से रंजिश शुरू हुई।

इसमें मंगलवार को किशनगढ़ का 60 वर्षीय बल्लू नंबरदार भी मारा गया, जिसका रंजिश से कोई संबंध नहीं था। डीसी गैंग के ज्यादातर सदस्य जेल में बंद हैं, जबकि गबदू गैंग का अंकित उर्फ गोधू पैरोल पर आने के बाद से फरार है। दोहरे हत्याकांड में अंकित समेत छह लोगों को नामजद करवाया गया है।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक निंदाना निवासी संदीप उर्फ डीसी व अमित उर्फ गबदू अच्छे दोस्त थे। दोनों अपने साथियों के साथ चौपाल में बैठे थे। मामूली बात को लेकर कहासुनी हो गई, जो बाद में मारपीट में बदल गई।

दोनों ने गांव के युवाओं को अपने-अपने गैंग में शामिल कर लिया। पहले गैंग के बीच मारपीट हुई, लेकिन 2021 में निंदाना गांव के खेतों में बने खंडहरनुमा मकान में बैठे गबदू गैंग के सदस्यों और दूसरे युवकों पर डीसी गैंग ने हमला कर दिया। फायरिंग में निंदाना निवासी विकास व फरमाना निवासी अंकुश की मौत हो गई, जबकि सुमित व अंकित के पैर में गोलियां लगी थीं। हमलावरों का निशाना सुमित था, लेकिन वह बच गया था। 2022 में हिसार जिले के गांव पुट्ठी में दवाई लेने जा रहे गबदू गैंग अमित उर्फ गबदू व उसके साथी संदीप की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसका आरोप भी डीसी गैंग पर लगा।

अप्रैल 2023 में गांव में आए सुमित उर्फ सेठी की हुई हत्या

निंदाना गांव में ही एक साल पहले अप्रैल 2023 में गांव लौटे सुमित उर्फ सेठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि उसका साथी अंशुल बच गया था। आरोप डीसी गैंग के संदीप उर्फ धरती व अन्य पर लगा था। संदीप उर्फ धरती मंगलवार को मारे गए वजीर सिंह का भतीजा है। संदीप फिलहाल भिवानी जेल में बंद है, जबकि वजीर का बेटा अशोक हिसार जेल में बंद है

हंसी के पीछे छुपा लेता था बल्लू नंबरदार अपने दुख

किशनगढ़ निवासी बल्लू लंबरदार (60) का निंदाना की रंजिश से कोई संबंध नहीं था। हमलावर वजीर को मारने के लिए आए थे। हमलावर गोली चलाते हुए वजीर के पीछे भाग रहे थे। ज्यों ही तंबाकू की दुकान के सामने गोली चली, वह बल्लू नंबरदार के सिर में जा लगी। उनको पीजीआई में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

बल्लू लंबरदार गांव में खेती करते थे। वह चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। उनके परिवार में छोटा भाई, एक बेटा, पुत्रवधू और दो पोते हैं। दोनों भाइयों की बेटियां शादीशुदा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बल्लू नंबरदार हंसमुख स्वभाव के थे। कुछ साल पहले बल्लू के दोनों दामाद की आकस्मिक मौत हो गई थी। इसके बावजूद संयम से उन्होंने पूरे परिवार को संभाले रखा था। अब इस घटना के बाद परिवार ही नहीं पूरे गांव में मातम का माहौल है।

गैंगवार के चलते सैमाण और रिटौली में भी हो चुकी हैं हत्या

जिले के सैमाण और रिटौली गांव में भी रंजिश व गैंगवार के चलते कई हत्या हो चुकी हैं। महम खंड के ही गांव सैमाण में पिछले साल रोहित नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी। फिर अशोक टेलर को मौत के घाट उतार दिया गया था, हालांकि पुलिस मामले में मुख्य आरोपी विकास उर्फ मटरी को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि रिटौली गांव में 2022 में ही तीन हत्या हो चुकी हैं। मार्च में पहले दो लोगों की एक दिन में हत्या की गई, जबकि एक सप्ताह बाद एक बस चालक की हत्या की गई थी। पुलिस रिटौली के एक गैंग के ज्यादातर साथियों को दबोच चुकी है, लेकिन दूसरे गैंग से हिमांशु उर्फ भाऊ पुलिस की गिरफ्त से अब भी दूर है, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।