HARYANA VRITANT

हरियाणा के सीएम ने अपने भाषण के अंदाज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को काफी प्रभावित किया है। इसी को देखते हुए उन्हें अलवर में फतह सुनिश्चित करने को उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। वह 10 अप्रैल को अलवर शहर तिजारा एवं राजगढ़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। अलवर लोकसभा क्षेत्र हरियाणा से सटा है।

सीएम नायब सिंह सैनी

मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सिंह सैनी लोगों से बेहतर तरीके से संवाद करने वाले भाजपा के दमदार नेताओं की सूची में शामिल हो गए हैं। कुछ दिनों के दौरान अपने भाषण करने के अंदाज से उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को काफी प्रभावित किया है।

10 अप्रैल को करेंगे जनसभा

इसे ध्यान में रखकर पार्टी अब उनका उपयोग हरियाणा से बाहर भी चुनाव प्रचार के लिए करेगी। इसी दिशा में अलवर में फतह सुनिश्चित करने को उनकी जिम्मेदारी तय की गई है। वह 10 अप्रैल को अलवर शहर, तिजारा एवं राजगढ़ में जनसभा को संबोधित करेंगे। अलवर से वरिष्ठ भाजपा नेता व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मैदान में हैं।

उन्हें कांग्रेस के तेजतर्रार नेता व मुंडावर से ललित यादव चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस अलवर के चुनाव को स्थानीय बनाम बाहरी बनाने का प्रयास कर रही है। इसे ध्यान में रखकर भाजपा ने अलवर में पूरी ताकत झोंक दी है। बताया जाता है कि जिन नेताओं की सभी जाति व धर्म के लोगों में पैठ है, उन्हें चुनाव मैदान में लोगों से संवाद करने के लिए उतार दिया गया है। सभी मोदी की गारंटी के ऊपर जोर दे रहे हैं ताकि चुनाव में मुद्दा स्थानीय व बाहरी न बने।

हरियाणा से सटी है अलवर सीट

अलवर लोकसभा क्षेत्र हरियाणा से सटा है। अलवर का मिजाज भी कुछ हद तक गुड़गांव लाेकसभा क्षेत्र जैसा ही है। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र के कुछ इलाकों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है, उसी तरह अलवर के इलाकों में भी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र की तरह ही अलवर लोकसभा क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है।

ऐसे में यदि स्थानीय व बाहरी का मुद्दा बना फिर भाजपा के लिए मुकाबला काफी कठिन हो जाएगा। इसे ध्यान में अलवर के मैदान में प्रचार के लिए उन नेताओं को उतारा जा रहा है जिनकी पकड़ सभी जाति व धर्म के लोगों में है। पिछले महीने नूंह जिले के तावड़ू में मुख्यमंत्री बनने के बाद नायब सिंह सैनी की पहली रैली थी। उस रैली में भारी संख्या में सभी समुदाय के लोग पहुंचे थे। उनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या भी काफी थी। खासकर काफी संख्या में युवा पहुंचे थे।

हरियाणा से बाहर भी मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान कई बार तालियां बजी थीं। बताया जाता है कि इस रैली से ही मुख्यमंत्री के बारे में पार्टी के शीर्ष नेताओं तक यह संदेश गया कि इनका हर इलाके में उपयोग किया जा सकता है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि नायब सिंह सैनी ने कम से कम समय में एक अच्छे वक्ता की पहचान बना ली है। खासकर कार्यकर्ताओं से संवाद करने का उनका अंदाजा निराला है। उनके अंदाज का लाभ पार्टी को हरियाणा से बाहर भी मिलेगा।

पार्टी नेतृत्व को पता है कि वह कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा में 10 की 10 सीटों को जीतना उनकी सबसे बड़ी परीक्षा है। यही नहीं वह खुद विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बाद भी हरियाणा से बाहर चुनाव प्रचार के लिए भेजना यह दर्शाता है कि सैनी कम से कम समय में स्टार प्रचारक बन चुके हैं। अलवर में प्रचार करने का लाभ उन्हें हरियाणा की गुड़गांव एवं महेंद्रगढ़ सीटों पर सीधे तौर पर मिलेगा। दोनों क्षेत्रों के हजारों परिवारों की रिश्तेदारी अलवर में है।

इस वजह से काफी संख्या में लोग पिछले कई दिनों से लगातार अलवर में प्रचार में जुटे हैं। पूर्व सैन्य अधिकारियों की टीम वहां प्रचार में जुटी है। पूर्व सैन्य अधिकारी व ग्रामीण उत्थान भारत निर्माण के संयोजक मेजर (रिटा.) डा. टीसी राव कहते हैं कि भूपेंद्र यादव जैसे नेताओं की देश को जरूरत है। उनके पास व्यापक दृष्टिकोण है। वह अलवर क्षेत्र को दुनिया के नक्शे पर लाने का प्रयास करेंगे। इसे ध्यान में रखकर वे लोग उनके प्रचार-प्रसार में दिन-रात जुटे हैं।