HARYANA VRITANT

Haryana Politics नवीन जिंदल ने होली से एक दिन पहले भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है। भाजपा ने उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसी क्रम में अब उनकी मां सावित्री जिंदल ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। वह आज भाजपा ज्वाइन करेंगी। बीते दिन जिंदल हाउस पर कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल होने का एलान किया गया।

Savitri Jindal

हिसार उद्योगपति एवं पूर्व सांसद नवीन जिंदल के बाद अब उनकी मां सावित्री जिंदल ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। इस बात की जानकारी उन्होंने एक्स के माध्यम से दी। सावित्री आज भाजपा में शामिल होंगी। देश की सबसे अमीर महिला एवं जिंदल (Lok Sabha Election 2024) समूह की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल (Savitri Jindal) ने बुधवार को जिंदल हाउस पर कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श के बाद भाजपा में शामिल होने का एलान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों को बेहतर बताया।

वीरवार को सीएम नायब सिंह सैनी हिसार में भाजपा प्रत्याशी के कार्यालय का उद्घाटन करने पहुंचेंगे और इसी दौरान उनकी मौजूदगी में सावित्री जिंदल औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगीं। वे पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में मंत्री रह चुकी हैं। उनके पति स्वर्गीय ओमप्रकाश जिंदल भी कांग्रेस राज में मंत्री बने थे। नवीन जिंदल होली से एक दिन पहले भाजपा में शामिल हो चुके हैं और उन्हें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है।

नवीन का BJP में जाना पूरे परिवार का फैसला

जिंदल हाउस में विशेष बातचीत में सावित्री जिंदल ने कहा कि बेटे नवीन के भाजपा में शामिल होने का फैसला पूरे परिवार का है। कांग्रेस से भी कुछ महीने पहले चुनाव लड़ने का आफर था, लेकिन उस समय चुनाव लड़ने का मन नहीं था। अब वे भाजपा में शामिल होकर प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को साकार करने में सहयोग देंगी। बेटे नवीन और भाजपा के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगीं।

भाजपा ने नवीन को दिया है लोकसभा टिकट

उन्होंने कहा कि नवीन के भाजपा में शामिल होने की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। किसी जानकार का फोन आया तो पता चला कि भाजपा ने नवीन को लोकसभा का टिकट दिया है। सावित्री ने बताया कि घर में राजनीति को लेकर आपस में ज्यादा बात नहीं होती है।

वे भी चुनाव से दूर थीं मगर अब नवीन के चुनाव में सभी साथ रहेंगे। विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पहला लक्ष्य लोकसभा चुनाव में नवीन की जीत सुनिश्चित करना है। विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय परिस्थितियों के हिसाब से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का रुख जानने के लिए जिंदल हाउस में बैठक बुलाई गई थी। कार्यकर्ताओं के विचारों का मान-सम्मान रखना उनका फर्ज है।

ऐसे हुई थी राजनीति में एंट्री

पति के निधन के बाद आई थीं राजनीति में 31 मार्च 2005 को हेलीकॉप्टर हादसे में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जिंदल का निधन हो गया था। इसके बाद सावित्री जिंदल राजनीति में आई और हिसार विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की। 2009 में दोबारा हिसार विधानसभा सीट से विधायक बनीं और कांग्रेस सरकार में नगर निकाय मंत्री भी रहीं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता डा. कमल गुप्ता ने उन्हें शिकस्त दी थी। उसके बाद से सावित्री राजनीति से दूरी बना रखी थी।