अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव गुरुवार से शुरू होगा। इससे पहले धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को सजा दिया गया है। पवित्र ब्रह्मसरोवर तट पर विभिन्न राज्यों से शिल्पकार व कलाकार पहुंचने शुरू हो गए हैं तो वहीं दुकानें भी सजने लगी हैं। शिल्पकार व कलाकारों के साथ-साथ पर्यटकों की भी चहल-पहल एकाएक बढ़ गई है, जिससे महोत्सव के प्रति उनमें उत्साह दिखाई दे रहा है। महोत्सव का आगाज सबसे पहले शिल्प व सरस मेले से होगा, जिसके लिए करीब 600 स्टॉल विभिन्न राज्यों के शिल्पकारों को दी गई है। हरियाणा के विभिन्न जिलों के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों के शिल्पकार अपना सामान लेकर बुधवार सुबह ही पहुंचने शुरू हो गए। जहां उन्हें दुकानें आवंटित की गईं।

  • दुकाने ढूंढ़ने के लिए भीड़ उमड़ी रही तो वहीं दुकानें मिलते होते ही सामान भी सजाया जाने लगा। इससे एक दिन पहले ही मेले का माहौल बनने लगा। मेले में शिल्पकारों, कलाकारों के उत्साह के चलते ब्रह्मसरोवर तट पर आध्यात्मक, संस्कृति एवं कला का संगम मेले के दौरान दिखाई देगा।

इस मेले के जरिए जहां लोग एक-दूसरे राज्य की कला एवं संस्कृति को समझेंगे वहीं आपसी भाईचारे की भावना भी बढ़ेगी।

  • बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव सात से 24 दिसंबर तक होगा, जिसके मुख्य कार्यक्रम 17 दिसंबर से शुरू होंगे।

मेला शुरू होने से एक दिन पहले पहुंचे शिल्पकारों में से कई को उस समय परेशानी का सामना करना पड़ा जब केडीबी की ओर से जारी की गई सूची में उनका नाम ही नहीं मिला। ये अधिकतर सरस मेले से ही संबंधित रहे। उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी से आए सहनवाज ने बताया कि प्रशासन की ओर से उनका नाम भेजा गया था, जिसका उनके पास संदेश भी है। वे पहले भी यहां सरस मेले में दुकान लगाते रहे हैं, लेकिन इस बार उनका नाम जारी सूची में नहीं मिला और न ही फिलहाल यहां कोई बताने वाला है। वहीं दो अन्य लोगों ने भी बताया कि उनका नाम नहीं मिला, लेकिन वे सामान लेकर पहुंच गए हैं। अब सामान कहां रखें, यह समझ नहीं आ रहा है।