ई-टेंडरिंग के विरोध में सरकार के खिलाफ सरपंचों का प्रदर्शन लगातार जारी है। इसी कड़ी में आज सिरसा के सरपंचों और पंचों ने लघु सचिवालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस फैसले को वापस लेने की मांग की। सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरपंचों ने कहा कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो 1 मार्च को सरपंच एसोसीएशन चंडीगढ़ का घेराव करने का काम करेंगे।
सरपंचों का कहना है कि आज से विधानसभा का सत्र शुरू है। यदि इसी सत्र में उनके मसले का हल होता है तो ठीक है नहीं तो 1 मार्च को वह चंडीगढ़ का घेराव करने का काम करेंगे। वहीं सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के जरिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। यदि ई-टेंडरिंग का प्रयोग ही करना था तो सरकार पंचायती चुनावों से इसका प्रयोग करके देख लेती। इस बात पर सरकार अब क्यों अड़ी हुई है। सरपंचों का आरोप है कि हरियाणा में ज्यादातर सरपंच जो जीत कर आए हैं वे सरकार के एंटी पार्टी के हैं। इसलिए सरकार जानबूझकर उन्हें तंग करने के लिए ऐसा कर रही है। वहीं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के उस बयान पर सरपंचों ने पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर सरपंच नहीं माने तो जो पावर है वह पंचों को सौंप दी जाएगी। सरपंचों का कहना है कि सिरसा जिला के 339 गांव के पंच-सरपंच सरकार के खिलाफ एकजुट हैं। जो सविधान में उन्हें अधिकार दिए गए हैं वह हर हाल में लेकर रहेंगे और जब तक उन्हें यह अधिकार नहीं मिलते तब तक उनका यह विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।