बहादुरगढ़ के निमाणा गांव की पलक गुलिया ने एक ही दिन में दो-दो पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। खेल के दौरान पूरा गांव और क्षेत्र खेलों के प्रसारण को देखता रहा। ग्रामीण एक मिनट के लिए टीवी से दूर नहीं हुए और पलक के परिजनों के साथ सामूहिक तौर पर खेल का आनंद लिया। जैसे ही पलक ने निशाना साधकर देश की झोली में दूसरे पदक के तौर गोल्ड मेडल डाला तो पूरा गांव झूम उठा। निमाना गांव में चोरों तरफ बम पटाखे छुड़ाए गए और जश्न मनाकर एक दूसरे को बधाई दी।
- घर पर पलक की दादी, मां, चाचा, चाची, बहनें और भाई मौजूद रहे और ग्रामीणों की भीड़ भी घर पर सुबह से ही देखने को मिली। पहले भारतीय ट्रिपल के 10 मीटर में रजत पदक हासिल किया तो पूरा गांव पलक के घर बधाई देने के लिए उमड़ गया। खुशी का सिलसिला यहीं नहीं रुका बल्कि कुछ ही देर बाद पलक का एकल मुकाबला भी हुआ जिसे देखने के लिए ग्रामीणों की सांसें रुक गई।
लेकिन पलक ने एशियाई खेलों में रिकार्ड के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया तो ग्रामीणों की खुशी दोगुनी हो गई। एक ही दिन में रजत और स्वर्ण हासिल करने पर परिजनों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। पलक की दादी सावित्री ने पलक की मेहनत पर देवताओं का आशीर्वाद बताया और हरियाणवीं बोली में कहा कि म्हारी छोरी ने लठ्ठ गाड़ दिया है…।