अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज सेक्टर- 13 हिसार निवासी दिव्या धायल को ओटीए चेन्नई भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर नयुक्त किया गया है. दिव्या की तीरंदाजी को देखते हुए 5 गोरखा राइफल पदक से भी उन्हें सम्मानित किया गया है. हीरक जयंती पासिंग आउट परेड पर थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और दिव्या को सम्मानित किया गया. बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी तीरंदाजी से देश को गौरवान्वित करने वाली दिव्या सभी हथियारों में मुख्य रूप से सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज हैं. दिव्या मात्र 15 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय तीरंदाज बन गई थी.
- दिव्या के पिता भारतीय सेना में कर्नल के पद पर हैं और उनका पैतृक गांव चमारखेड़ा है. दिव्या की पढ़ाई आर्मी स्कूल से हुई और वर्ष 2022 में उनका भारतीय सेना में सीडीएस ओटीए में दूसरे नंबर पर चयन हो गया.
- उन्होंने अपना प्रारंभिक तीरंदाजी प्रशिक्षण आर्मी स्पोट्स इंस्टीट्यूट में शुरू की थी.
विश्व तीरंदाजी युवा चैंपियनशिप, तीरंदाजी विश्व कप, अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी टूर्नामेंट और अन्य अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में दिव्या ने हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व कर पदक जीते है. साल 2018 में चीन ताइपेई में हुई तीरंदाजी एशिया कप में सिल्वर मेडल जीता.
इसी तरह मनीला में उन्होंने ब्रॉन्ज तथा सिल्वर मेडल जीता. बैंकाक में हुएं एशिया कप प्रतियोगिता में उन्हें कांस्य पदक मिला था. इसी प्रकार उन्होंने कई चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर देश की झोली में कई पदक डालें है.