हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गत मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की. इस बैठक के दौरान सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद भी मौजूद रहे. सिख प्रतिनिधिमंडल ने नये मतदाता बनाने में आ रही कठिनाइयों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तार से जानकारी दी.

  • सिख नेताओं ने वोटर आईडी को पंजाबी और अंग्रेजी में छापने का भी अनुरोध किया है. इसके अलावा, चुनाव के दौरान सेक्टरों में नोडल अधिकारियों के साथ पंजाबी भाषा के शिक्षकों की भी ड्यूटी लगाने का सुझाव दिया गया, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.
  • सिख नेताओं ने वोटर फॉर्म में ‘हजामत’ शब्द पर आपत्ति जताई और इस शब्द के स्थान पर पतित शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी.

बता दें कि एचएसजीपीसी की एडहॉक कमेटी का कार्यकाल डेढ़ साल का था, जो पूरा हो चुका है. कमेटी के प्रधान संत करमजीत सिंह और महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एचएसजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि वोट बनाने के फॉर्म में पंजाबी और अंग्रेजी भाषा नहीं है. यह फॉर्म केवल हिंदी भाषा में है, जिससे काफी परेशानी हो रही है.

दूसरी तरफ हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव में अभी चार महीने और लग सकते हैं. यह चुनाव दिसंबर के अंत में होने की संभावना है.

  • एचएसजीपीसी के संयुक्त सचिव एस मोहनजीत सिंह ने बताया कि उम्मीद है कि दिसंबर में एचएसजीपीसी के चुनाव होंगे, जिसके बाद हरियाणा के सभी गुरुद्वारों का प्रबंधन हरियाणा की सिख संगत के हाथ में आ जाएगा.
  • मुख्यमंत्री ने सभी मांगें मान ली हैं. सरकार की मंशा चुनाव प्रक्रिया को अधिक दिनों तक खींचने की कतई नहीं लगती.

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