पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक में कहा है कि यदि सरपंच अपने काम पर नहीं लौटे और विरोध बंद नहीं किया तो प्रस्ताव पारित कर बहुमत वाले पंचों को सरकार सरपंचों की शक्तियां दे देगी। बबली के इस बयान पर जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा है कि ऐसा कहीं नहीं होता।
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों के विरोध को लेकर जजपा के विधायक और मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने आरोप लगाया है कि जजपा विधायक जोगीराम सिहाग सरपंचों को भड़का रहे हैं। यदि सरपंच नहीं माने तो उनकी शक्तियां पंचों को दे देंगे। पंचायती राज संविधान में यह प्रावधान है कि यदि छह पंच, सरपंच की बात से सहमत नहीं हैं तो उन्हें शक्तियां दी जा सकती हैं।
बबली के इस बयान पर जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा है कि ऐसा कहीं नहीं होता जो राष्ट्रपति की शक्तियां हैं वह उनके ही पास रहेंगी या फिर उप राष्ट्रपति पर चली जाएंगी। अमर उजाला से बातचीत में सिहाग ने कहा कि मेरा पार्टी या मंत्री से कोई विरोध नहीं है। मैं मुद्दे की बात करता हूं। मैंने यह बात गठबंधन की विधायक दल की बैठक में भी उठाई थी। उस समय गृह मंत्री अनिल विज भी मेरी बात से सहमत थे। अब भी यदि आवश्यकता हुई तो इस मामले को विधानसभा में उठाऊंगा।
यह कहा बबली ने
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक में कहा है कि यदि सरपंच अपने काम पर नहीं लौटे और विरोध बंद नहीं किया तो प्रस्ताव पारित कर बहुमत वाले पंचों को सरकार सरपंचों की शक्तियां दे देगी। इसके बाद आगे से पंच ही गांवों में विकास संबंधी काम कराएंगे। उन्होंने गांवों के पंचों से अपील की है कि वह बहुमत साबित कर गांवों में विकास कार्यों को सुचारु करवाएं। बबली ने कहा है कि सरपंचों को समझाने की जगह जोगीराम सिहाग उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं। हमने ईमानदारी की स्प्रे छिड़कनी शुरू कर दी है, इससे हम भ्रष्टाचार की दीमक का पूरी तरह से सफाया कर देंगे। जो सरपंच नहीं माने उन्हें हटाकर सारे अधिकार पंचों को देकर भी हरियाणा सरकार पंचायतें चलवा सकती है।
सरपंच कर चुके आंदोलन का एलान
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों ने बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सरपंच एसोसिएशन ऑफ हरियाणा ने इसके विरोध में 20 फरवरी को प्रदेश भर में जुलूस निकालने की चेतावनी जारी की है। सरपंच एसोसिएशन ने ई-टेंडरिंग में परिवार पहचान पत्र को आवश्यक करने के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि राइट टू रिकॉल का नियम आम आदमी पर नहीं, सबसे पहले तो सांसदों और विधायकों पर लागू होना चाहिए।
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक में कहा है कि यदि सरपंच अपने काम पर नहीं लौटे और विरोध बंद नहीं किया तो प्रस्ताव पारित कर बहुमत वाले पंचों को सरकार सरपंचों की शक्तियां दे देगी। बबली के इस बयान पर जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा है कि ऐसा कहीं नहीं होता।
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों के विरोध को लेकर जजपा के विधायक और मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने आरोप लगाया है कि जजपा विधायक जोगीराम सिहाग सरपंचों को भड़का रहे हैं। यदि सरपंच नहीं माने तो उनकी शक्तियां पंचों को दे देंगे। पंचायती राज संविधान में यह प्रावधान है कि यदि छह पंच, सरपंच की बात से सहमत नहीं हैं तो उन्हें शक्तियां दी जा सकती हैं।
बबली के इस बयान पर जजपा विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा है कि ऐसा कहीं नहीं होता जो राष्ट्रपति की शक्तियां हैं वह उनके ही पास रहेंगी या फिर उप राष्ट्रपति पर चली जाएंगी। अमर उजाला से बातचीत में सिहाग ने कहा कि मेरा पार्टी या मंत्री से कोई विरोध नहीं है। मैं मुद्दे की बात करता हूं। मैंने यह बात गठबंधन की विधायक दल की बैठक में भी उठाई थी। उस समय गृह मंत्री अनिल विज भी मेरी बात से सहमत थे। अब भी यदि आवश्यकता हुई तो इस मामले को विधानसभा में उठाऊंगा।
यह कहा बबली ने
पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विरोध कर रहे सरपंचों को दो टूक में कहा है कि यदि सरपंच अपने काम पर नहीं लौटे और विरोध बंद नहीं किया तो प्रस्ताव पारित कर बहुमत वाले पंचों को सरकार सरपंचों की शक्तियां दे देगी। इसके बाद आगे से पंच ही गांवों में विकास संबंधी काम कराएंगे। उन्होंने गांवों के पंचों से अपील की है कि वह बहुमत साबित कर गांवों में विकास कार्यों को सुचारु करवाएं। बबली ने कहा है कि सरपंचों को समझाने की जगह जोगीराम सिहाग उन्हें उकसाने का काम कर रहे हैं। हमने ईमानदारी की स्प्रे छिड़कनी शुरू कर दी है, इससे हम भ्रष्टाचार की दीमक का पूरी तरह से सफाया कर देंगे। जो सरपंच नहीं माने उन्हें हटाकर सारे अधिकार पंचों को देकर भी हरियाणा सरकार पंचायतें चलवा सकती है।
सरपंच कर चुके आंदोलन का एलान
हरियाणा में ई-टेंडरिंग पर सरपंचों ने बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। सरपंच एसोसिएशन ऑफ हरियाणा ने इसके विरोध में 20 फरवरी को प्रदेश भर में जुलूस निकालने की चेतावनी जारी की है। सरपंच एसोसिएशन ने ई-टेंडरिंग में परिवार पहचान पत्र को आवश्यक करने के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर समैन ने कहा कि राइट टू रिकॉल का नियम आम आदमी पर नहीं, सबसे पहले तो सांसदों और विधायकों पर लागू होना चाहिए।
यह है विरोध
- दो लाख रुपये से अधिक के काम ई-टेंडर से होंगे।
- एसडीओ देंगे 25 लाख रुपए तक के कामों की मंजूरी।
- 25 लाख से एक करोड़ रुपये तक के काम की एक्सईएन स्तर पर मंजूरी।
- एक से ढाई करोड़ तक के कार्यों की तकनीकी मंजूरी अधीक्षण अभियंता देंगे।