प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी पर शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। अब निजी स्कूल संचालकों को हर रोज एक घंटा अभिभावकों को मिलने का समय देना होगा। यही नहीं स्कूल के सूचना पट्ट पर बाकायदा नोटिस चस्पा करना होगा। शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों की शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी निजी स्कूल संचालकों के प्राचार्यों व मुख्याध्यापकों को स्पष्ट हिदायत दी है कि अभिभावकों को रोज एक घंटा मिलने का शेड्यूल निर्धारित करना होगा। 

शिक्षा निदेशालय के पास अभिभावकों की शिकायतें पहुंची थी कि जब वे स्कूल में मुख्याध्यापक व प्राचार्य से मिलने जाते हैं तो उन्हें रिस्पेशन या फिर वेटिंग रूप में घंटों बैठाया जाता है और कई बार तो उन्हें बिना मिले ही वापस लौटना पड़ता है। लिहाजा निजी स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा सकते हुए शिक्षा निदेशालय ने मुख्याध्यापकों को हर रोज अभिभावकों को मिलने का निर्देश दिया है।

निदेशालय की ओर से जिला अधिकारियों को लिखे पत्र में जिलावार विद्यालयों के खाली पड़े भवनों की सूचना भेजने का निर्देश दिया है। निदेशालय की ओर से फार्मेट भेजा गया है, इसमें विद्यालय का नाम व संख्या सहित उसकी श्रेणी यानी कि प्राइमरी, मिडिल, हाई या फिर सेकेंडरी स्कूल है, यह सूचना मांगी है।

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