सीबीआई ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की नर्सिंग अधिकारी भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (एनओआरसीईटी-4) के लीक होने के मामले में दो निजी लोगों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से जुड़े पांच ठिकानों चंडीगढ़, मोहाली, हरियाणा और दिल्ली में छापे मारकर काफी सामान जब्त किया है।
- जब्त किए सामान में नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर (एनवीआर) सीसीटीवी फुटेज, सर्वर लैपटॉप, पहचान किए गए उम्मीदवारों के सीपीयू, विभिन्न मोबाइल फोन और टीएफटी शामिल हैं। सीबीआई ने गिरफ्तार किए आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है, हालांकि बताया गया है कि आरोपियों को शनिवार अदालत में पेश किया जाएगा।
सीबीआई ने नर्सिंग ऑफिसर रिक्रूटमेंट कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (एनओआरसीईटी)-4 पेपर लीक मामले में हरियाणा निवासी रितू और मोहाली के ज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इस संबंधी एम्स के एसोसिएट डीन (परीक्षा) डॉ. नवल के विक्रम ने सीबीआई को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि एम्स ने 3 जून को एनओआरसीईटी-4 की भर्ती परीक्षा आयोजित की थी।
- देश के सभी एम्स के लिए दिल्ली में केंद्र सरकार के चार अस्पतालों और देश भर में एनआईटीआरडी की तरफ से 3055 अफसरों के लिए 300 से ज्यादा सेंटरों में परीक्षा आयोजित करवाई गई थी। 5 जून की देर शाम कुछ ट्वीट वायरल हुए। इनमें पता चला कि 3 जून को सुबह के समय आयोजित की गई एनओआरसीईटी-4 का प्रश्नपत्र लीक हो गया था।
परीक्षा केंद्र में कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से आरोपी रितु द्वारा या उसकी ओर से अनुचित साधनों का उपयोग किया गया। परीक्षा के बाद सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र के कई फोटो और स्क्रीनशॉट वायरल होने की शिकायत की गई, जबकि परीक्षा केंद्रों में कैमरे या सेल फोन बंद थे। इसके बाद केस दर्ज हुआ है।