हरियाणा सरकार अब सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति में विभागीय परीक्षा पास करने की शर्त लगाने जा रही है. इसके लिए बकायदा सरकार के वित्त विभाग ने 5 जून को सभी विभागों, बौर्डों, निगमों को पत्र भेजकर विभागीय नियमों में बदलाव करने का ड्राफ्ट भेजा था. वित्त विभाग ने इस ड्राफ्ट पर 7 जून तक अपनी टिप्पणी भेजने के लिए कहा था. वित्त विभाग के ड्राफ्ट के अनुसार प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों व अधिकारियों की उच्च पद पर पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा पास करनी होगी. इस संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अहम बैठक भी हो चुकी है.

हरियाणा सिविल सेवा नियमावली 2016 व विभागीय सेवा नियमावली में किए गए सिनियोरिटी कम मेरिट के साथ विभागीय परीक्षा पास करने की शर्तें जोड़ी जाएगी.

अभी तक यह प्रावधान था कि कर्मचारी व अधिकारी का सरकार की ओर से निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं टेस्ट क्लीयर करने उपरांत ही चयन होता है. उसके बाद, अधिकतर कर्मियों एवं अधिकारियों की वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति होती है लेकिन अब अलग से एक विभागीय परीक्षा पास करने की शर्त लगाई जा रही है. 

तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में पदोन्नति होने के बाद ही विभागीय परीक्षा पास करने की शर्त पहले से ही है. चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में पदोन्नति उपरांत ही पहले टाइप टेस्ट और अब कंप्यूटर टाइपिंग पास करने का प्रावधान है.

इसी प्रकार वन विभाग में वन रक्षक से वन दरोगा, वन दरोगा से उप वध राजिक व उप वन राजिक सेवन राजिक अधिकारी की पदोन्नति के लिए विभागीय प्रशिक्षण कोर्स पास करने का नियमों में प्रावधान है. पुलिस व अन्य विभागों में भी प्रशिक्षण कोर्स पास करने का प्रावधान है.

  • सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि प्रस्तावित नियमों में संशोधन करने से वरिष्ठ कर्मचारियों से पूर्व पदोन्नत कनिष्ठ कर्मचारी की वरिष्ठता निरंतरता में बनी रहेगी.
  • किसी कारणवश वरिष्ठ कर्मचारी परीक्षा पास नहीं कर पाता है तो उसको भविष्य में स्थाई नुकसान उठाना पड़ेगा ड्राफ्ट में निदेशक स्तर के पद पर पदोन्नति के लिए परीक्षा में छूट देना भी पक्षपातपूर्ण नीति है.

सरकार की कर्मचारियों को पूर्व में मिल रही सुविधाओं को छीनने में जुटी हुई है. पदोन्नति से पूर्व परीक्षा पास करने की शर्त लगाना कर्मचारी हितों पर कुठारापात है. कर्मचारी विरोधी ड्राफ्ट को रद्द किया जाए नहीं तो आंदोलन किया जाएगा. 

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