शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार (1 जून) को आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के वकील की शिकायत पर बड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने मीडिया के रवैये पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अगर जरूरत हुई तो बैन लगाने पर भी विचार किया जाएगा.
- दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम के वकील ने पिछली पेशी के दौरान सिसोदिया से दुर्व्यवहार होने का दावा किया था. वकील की ओर से कहा गया था कि दिल्ली पुलिस मनीष सिसोदिया की गर्दन पकड़कर ले गई थी, जब वो मीडिया के सवालों के जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि उस समय वहां कोई भी आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता नहीं था.
सीसीटीवी फुटेज की जाए पेश- कोर्ट
मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वकील ने पिछली सुनवाई में हुई पेशी की सीसीटीवी फुटेज तलब करने/संरक्षित रखने की अर्जी लगाई. आरोप लगाया कि उनके साथ सुरक्षाकर्मियों ने बदसुलूकी की. कोर्ट ने उस दिन की पेशी के दरमियान की CCTV फुटेज संरक्षित रखने और अगली तारीख पर पेश करने का निर्देश दिया.
संजय सिंह का नाम आना टाइपिंग की गलती
सुनवाई के दौरान जज ने नोट किया कि ED की चार्जशीट में टाइपिंग की गलती के चलते राहुल सिंह की जगह संजय सिंह के नाम का उल्लेख हो गया था. कोर्ट ने कहा कि ये सिर्फ टाइपिंग की गलती है. ED के वकील ने साफ किया कि संजय सिंह का नाम आरोपी की लिस्ट में शामिल नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.
- सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आग्रह किया है कि मनीष सिसोदिया की व्यक्तिगत पेशी के बजाए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी हो, ताकि पिछली बार जैसे हालात न बनें. जिस पर सिसोदिया से जवाब मांगा गया.
इस पर सिसोदिया ने कहा कि अगर कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी हो तो बेहतर है, क्योंकि उस दरमियान वकीलों से सलाह लेने का भी मौका मिल जाता है. वहीं, ईडी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मामले में सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी दे दी गई है. कोर्ट ने साफ किया कि जब तक सिसोदिया की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेशी को लेकर दायर अर्जी पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही पेशी होगी, कोर्ट में व्यक्तिगत पेशी नहीं होगी.