हरियाणा पुलिस ने ‘ऑपरेशन मुस्कान’ के तहत केवल 15 दिनों में 625 लापता लोगों को तलाशा है। पुलिस ने 324 बच्चों और 301 अन्य लापता लोगों को परिवारों को सौंपा। ये सभी अलग-अलग कारणों से अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। लापता बच्चों में से 284 को जिला पुलिस टीमों ने खोजा और 40 गुमशुदा बच्चों को राज्य अपराध शाखा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने परिजनों को सुपुर्द किया। इसी प्रकार 262 गुमशुदा वयस्कों को जिला पुलिस टीमों और 39 लोगों को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने परिवारों से मिलवाने का काम किया। पहली से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान का मकसद परिवार से बिछड़े बच्चों व अन्य लोगों को खोज कर परिजनों तक पहुंचाना है।

183 भिखारियों और 263 बंधुआ मजदूरों को भी किया रेस्क्यू
इस दौरान पुलिस टीमों ने 183 भिखारियों और 263 बंधुआ मजदूरों का पता लगाकर उन्हें रेस्क्यू किया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) के निर्देश पर पुलिस टीमों ने 141 बाल गृहों का भी दौरा किया ताकि वहां रह रहे गुमशुदा बच्चों का डेटा तैयार कर परिवार से मिलवाया जा सके। एएचटीयू की अन्य यूनिट ने चार वर्षीय बच्ची के परिजनों का तलाशा है। यह बच्ची चार साल से शिशु गृह (पंचकूला) में रह रही थी। तीन महीनों के प्रयासों से बच्ची के माता-पिता को बिहार के पूर्णिया जिला के थारविजगंज थाना के कोठिघाट में ढूंढ निकाला।

  • 12 नाबालिग बच्चों का किया रेस्कयू
  • स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत कार्य कर रही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने फरीदाबाद जिले के सारन थाना क्षेत्र स्थित एक कंपनी में छापेमारी कर 12 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया। इनमें 10 लड़कियां भी शामिल हैं। स्टेट क्राइम ब्रांच की शिकायत पर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ बालश्रम कानून के तहत केस दर्ज कराया गया है।

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