Haryana Vritant

सिक्किम की राजधानी गंगटोक में मंगलवार को एवलांच (हिमस्खलन) हुआ। इसमें 7 टूरिस्ट की मौत हो गई। मरने वालों में चार पुरुष, दो महिलाएं और एक बच्चा शामिल है। यह घटना सुबह 11.30 बजे गंगटोक को नाथु ला दर्रे से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर हुई।

सेना ने बयान जारी किया- बर्फ के नीचे पांच-छह वाहन फंस गए, जिनमें लगभग 30 लोग थे। शाम चार बजे तक बर्फ से सात शव निकाले जा चुके थे और छह पर्यटकों सहित 23 लोगों को बचा लिया गया था। इनमें 11 की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें गंगटोक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। PM नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सिक्किम में एवलांच में पर्यटकों की मौत पर शोक जताया।

14वें माइलस्टोन पर हुआ हादसा
नाथुला दर्रा चीन की सीमा पर स्थित है। प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के लिए आकर्षक जगह है। आर्मी के सूत्रों के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर 14वें पड़ाव पर हुए हिमस्खलन में 25-30 पर्यटक फंस गए थे। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करके 22 लोगों को बचा लिया है। इसमें छह पर्यटक गहरी घाटी से निकाले गए।करीब 350 लोग और 80 गाड़ियां सड़क बाधित होने के कारण नाथू ला पर फंसे हुए थे। सड़क से बर्फ हटाने के बाद इन 350 लोगों और 80 वाहनों को भी वहां से निकाल लिया गया है।

जहां एवलांच हुआ, वहीं शाम को बर्फ गिरी


गंगटोक-नाथुला रोड पर शाम 5.35 बजे उसी स्थान पर एक और हिमस्खलन हुआ। हिमपात भी शुरू हो गया है, जिससे बचाव अभियान खतरनाक हो गया है। ज्यादा हिमस्खलन के डर से जिला प्रशासन द्वारा बचाव और तलाशी अभियान बंद कर दिया गया है। हिमस्खलन के कारण JNM एक्सिस अब बंद है।

हिमस्खलन क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं। हिमस्खलन के दौरान बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं।

हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती हैं। इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं। चट्टानों या मिट्टी के स्खलन को भूस्खलन कहते हैं।

By Anita

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