हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने दिसंबर 2022 को एक पत्र जारी कर कहा था कि 2019 के निर्देश के अनुसार याची शिक्षक बाकी के शिक्षकों की तरह बिना छुट्टियों की कटौती वेतन के हकदार हैं।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अतिथि अध्यापकों के वेतन से ग्रीष्मकालीन अवकाश व छुट्टियों के वेतन की कटौती को अनुचित करार दिया है। कोर्ट ने तकनीकी शिक्षा विभाग के इन शिक्षकों को इस अवधि के लिए भुगतान करने का हरियाणा सरकार को आदेश दिया है। साथ ही नियमित नियुक्ति होने तक इन शिक्षकों को अनुबंध शिक्षकों से न बदलने का भी आदेश दिया है।
नीलोखेड़ी के प्रदीप व अन्य ने याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि वह स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अनुबंध के आधार पर गेस्ट शिक्षक हैं। उनकी सेवाओं के लिए जब उन्हें वेतन जारी किया जाता है तो उसमें से ग्रीष्मकालीन अवकाश व अन्य छुट्टियों का वेतन काट लिया जाता है। याची कहा कि सरकार की ओर से सितंबर 2019 में निर्देश जारी कर उन्हें ग्रीष्मकालीन अवकाश व छुट्टियों के वेतन का पात्र माना था। तब कहा गया था कि इन शिक्षकों के पास काम हो या न हो उन्हें सेवा देने की अवधि के लिए भुगतान जरूरी है। सरकार के निर्देश के बावजूद शिक्षक इस अवधि के वेतन से वंचित हैं।
हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने दिसंबर 2022 को एक पत्र जारी कर कहा था कि 2019 के निर्देश के अनुसार याची शिक्षक बाकी के शिक्षकों की तरह बिना छुट्टियों की कटौती वेतन के हकदार हैं। इस तरह की कटौती की निंदा सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है और ऐसा करते हुए इन शिक्षकों को मातृत्व व चिकित्सा अवकाश का भी पात्र माना गया था।