बहादुरगढ़ : मार्च 2023 यानी इसी महीने के अंत तक हरियाणा में 400 नई इलेक्ट्रॉनिक बसें सड़कों पर उतरने जा रही हैं। यह बसें हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में चलाई जाएंगी। नवंबर 2022 में प्रदेश सरकार ने 1000 इलेक्ट्रॉनिक बसों का ऑर्डर दिया था। सितंबर 2023 तक ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को बाकी बची 600 बसें भी मिल जाएंगे। यह पूरी कार्यवाही हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हो रही है। प्रदीप कुमार बहादुरगढ़ में आयोजित ईंट-भट्ठों से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों पर आयोजित एक सेमिनार में शिरकत करने पहुंचे थे।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेट्री आईएएस प्रदीप कुमार ने बताया कि इस महीने के अंत तक 400 नई इलेक्ट्रॉनिक बसें हरियाणा की सड़कों दौड़ने लगेंगी और सितंबर 2023 तक हरियाणा प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में एक हजार बसें सड़कों पर उतर जाएंगी इसी क्रम में आने वाले समय में गुड़गांव और फरीदाबाद की सड़कों पर दौड़ रहे पेट्रोल और डीजल से चलने वाले तमाम ऑटो रिक्शा का भी इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा। जिससे बढ़ते प्रदूषण पर रोक लग सकेगी।
ईंट-भट्टों पर कोयले के इस्तेमाल पर रोक
ईंट-भट्टों पर कोयले के इस्तेमाल पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। लेकिन हरियाणा के झज्जर जिले में प्रदेश का एक चौथाई ईटों का उत्पादन होता है। ईंट-भट्ठा संचालक ईटों के निर्माण में कोयले के एकदम प्रतिबंध लगाने से परेशान हैं। ऐसे में ईंट-भट्ठा संचालकों ने ईटों के निर्माण के लिए कोयले के इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। मगर केंद्र सरकार ने इस पर पूर्णता प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसे में कोयले के अन्य विकल्पों के बारे में ईंट-भट्ठा संचालकों को अवगत करवाया गया है। इतना ही नहीं, पी राघवेंद्र राव ने एक कमेटी का भी गठन किया है। जो ईंट-भट्ठों पर कोयले के इस्तेमाल संबंधी रिपोर्ट बनाएगी।
प्रदेश सरकार बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए काफी कदम उठा रही है। केंद्र सरकार भी समय-समय पर गाइडलाइंस जारी करती रहती है। तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।