चंडीगढ़: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर से बेहद सुलझे हुए अंदाज में उनके द्वारा विधानसभा के बजट सत्र में हाजिर ना होने के कारणों और उनके बारे अधूरी जानकारियां होने के बावजूद एक समाचार पत्र में खबर के प्रकाशन को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अनिल विज द्वारा बजट सत्र के पहले और दूसरे चरण में शामिल नहीं होने को लेकर हुए दुष्प्रचार से बाबा को गुस्सा आया है। मीडिया फ्रेंडली विज ने कहा जर्नलिज्म में एथिक्स मेंटेन रखने की जरूरत है।
बिना तथ्यों की जानकारी लिए बगैर ही खबर की गई प्रकाशित
विज ने कड़े शब्दों में समाचार प्रकाशन कहा है कि आधी अधूरी जानकारी के चलते अथवा विपक्षी दलों के हाथ की कठपुतली बनने की बजाय उनसे सच्चाई की मालूमात कर ली होती, तब शायद यह समाचार प्रकाशित न किया जाता।एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्र में इस प्रकार से बिना तथ्यों बिना सच्चाई वाली खबर छपना कहीं ना कहीं पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करने वाला साबित हुआ है।
छवि को ठेस पहुंचाने के लिए खबर की गई थी प्रकाशित: विज
दरअसल एक समाचार पत्र में अनिल विज द्वारा बजट सत्र के पहले और दूसरे चरण में शामिल नहीं होने को लेकर कई प्रकार की संभावनाएं व्यक्त करने के नाम पर विज को लेकर अनर्गल और झूठी बातें छापी गई थी।इस खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री और उनके बीच में मतभेद होने की बात पर मोहर लगाई जा रही थी। इस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनिल विज ने स्पष्ट किया कि शारीरिक स्वास्थ्य ठीक ना होने के चलते वह सत्र अटेंड नहीं कर पा रहे हैं। प्रकाशित हुई इस खबर को पढ़ने से यह बात तो क्लियर सामने आ रही थी कि संवाददाता खबर के माध्यम से यह साबित करना चाहता था कि अनिल विज स्वस्थ है, लेकिन राजनीतिक मतभेदों के कारण सत्र में शामिल नहीं हो रहे।
जबकि अनिल विज ने अपने सिर पर हुई गांठ के कारणों, उससे लगातार बढ़ रही असहनीय पीड़ा, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की इस गांठ के बारे में दी गई राय और हुए ऑपरेशन की पूरी जानकारी बड़े खुले रूप से इस नाराजगी व्यक्त करने वाले पत्र के माध्यम से दी है।