पानीपत: भले ही केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार बेरोजगारी दूर करने के तमाम दावे करती हों, लेकिन हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन है। बीजेपी सरकार युवाओं को नौकरी देने में विफल रही है ये सच्चाई है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पानीपत जिला कोर्ट में निकले चपरासी के 6 पदों के लिए हजारों हाई क्वालिफाइड युवक और युवतियां लाइनों में लगी नजर आए।
सपने प्रोफेसर, शिक्षक, इंजीनियर और लेखाधिकारी बनने के लेकिन बरोजगारी की मार में इतनी योग्यता होने के बाद भी हरियाणा में चपरासी बनने के लिए युवाओं को लाइन में लगना पड़ रहा है।
आप यह सुनकर हैरान होंगे, लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले में ऐसी तस्वीर सामने आई है कि आप भी सोच में पड़ जाएंगे। दरअसल जिला कोर्ट में चपरासी के छह पदों के लिए भर्ती निकाली गई है। इनमें सामान्य वर्ग के चार और एससी व बीसीए का एक-एक पद है। इन छह पदों पर करीब 10 हजार आवेदन आए हैं।
इंटरव्यू देने आए आवेदनकर्ताओं ने बताया कि सरकार सिर्फ वायदे करती है, रोजगार कोई सरकार नहीं देती है। युवाओं को नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। एमबीए करने के बाद 9 साल की नौकरी का एक्सपीरियंस रखने वाला उम्मीदवार भी चपरासी की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा।
बता दें कि आवेदनकर्ताओं को इंटरव्यू लेने के लिए अल्फाबेट के मुताबिक बुलाया गया था। सोमवार को ए से एफ नाम तक के उम्मीदवारों को बुलाया गया है। इस दौरान करीब 1050 उम्मीदवारों आए थे। दिनभर लाइन में लगे रहे। इंटरव्यू के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। वे भी लंबी लाइन देखकर हैरान रह गए। वे पूरा दिन इंटरव्यू लेने में लगे रहे।