गांजा कोकेन, अफीम, चरस के साथ अब साइबर सिटी में अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थ एमडीएमए की तस्करी भी बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार, इसका नशा क्लब कल्चर में हो रहा है। डांस, पूल पार्टी में एलीट क्लास के यंगस्टर्स इसका नशा कर रहे हैं।

एमडीएमए की तस्करी बढ़ने का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि दो साल के मुकाबले 2025 के शुरुआती पांच महीनों में ही अलग-अलग तस्करों से 200 ग्राम से ज्यादा इस नशीले पदार्थ को जब्त किया जा चुका है। गुरुग्राम में पिछले तीन सालों में सिंथेटिक और पार्टी ड्रग की डिमांड तेजी से बढ़ी है। हालांकि गांजा अब भी सबसे ज्यादा जब्त किए जाने वाला नशीला पदार्थ है।नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अधिकारियों के मुताबिक, पार्टी ड्रग्स में एमडीएमए, म्याऊं म्याऊं का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। ड्रग इन्फोर्समेंट एजेंसीज के अनुसार नशीले पदार्थ एमडीएमए की दूसरे देश से ही भारत में तस्करी की जा रही है।
एनसीबी व गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीमों ने 2023 में जहां विभिन्न तस्करों से 14 ग्राम एमडीएमए बरामद किया था तो 2024 में इसकी बरामदगी करीब नौ गुना बढ़ गई। 2024 में विभिन्न तस्करों की गिरफ्तारियों के साथ 102 ग्राम एमडीएमए बरामद किया गया। वहीं 2025 में इसकी तस्करी का यह आंकड़ा चार महीनों में ही पार हो गया। एनसीबी अधिकारियों के मुताबिक, एमडीएमए की तस्करी में अब तक सबसे ज्यादा नाइजीरियन गिरोह के लोग पकड़े गए हैं।
एमडीएमए ड्रग्स
एमडीएमए इसे मौली या एक्स्टसी भी कहा जाता है। यह एक सिंथेटिक ड्रग्स है। इसका प्रभाव मेथाम्फेटामाइन जैसे उत्तेजक पदार्थों के समान होता है। पश्चिमी देशों में ज्यादातर युवा इस ड्रग्स की गिरफ्त में हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की कीमत काफी ज्यादा है।
पिछले सप्ताह एनसीबी ने सादी वर्दी में क्लबों में की छापेमारी
एनसीबी सूत्रों के अनुसार, क्लब कल्चर में एमडीएमए के इस्तेमाल होने की सूचना पर एनसीबी की टीम ने पिछले सप्ताह सादी वर्दी में शहर के पॉश इलाकों में मौजूद कुछ क्लबों में छापेमारी की। हालांकि, इस दौरान टीम को कोई खास सफलता नहीं मिल सकी। एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि उनकी टीम लगातार इस पर नजर बनाए हुए है।