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पांच बार मुख्यमंत्री रहे स्व. ओमप्रकाश चौटाला को लेकर एकबार फिर चौटाला परिवार में संग्राम छिड़ गया है। कारण ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला का वह फैसला है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अब पार्टी के पोस्टर पर ओमप्रकाश चौटाला का फोटो प्रकाशित किया जाएगा।

ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने अपने भाई के इस राजनीतिक फैसले को सिरे से खारिज कर दिया। अभय इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आरोप जड़ा कि इनेलो और ओमप्रकाश चौटाला के साथ गद्दारी करने वाले लोग अपने पोस्टर पर चौटाला का फोटो कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं?

दोनों भाइयों के बीच बढ़ा विवाद

दादा स्व. देवीलाल के बाद अब पिता स्व. ओमप्रकाश चौटाला की लोगों में मजबूत पकड़ का लाभ लेने के लिए दोनों भाइयों में यह विवाद किसी भी समय उग्र रूप ले सकता है। फोटो के मुद्दे पर अजय सिंह (Ajay Singh) और अभय सिंह के बीच टकराव बढ़ने की पूरी संभावना है।

ओमप्रकाश चौटाला का जब देहावसान हुआ था, तब वे इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख थे। चौटाला के निधन के बाद पार्टी ने सर्वसम्मति से अभय सिंह को इनेलो का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया था।

अभय सिंह को घोषित किया उत्तराधिकारी

रस्म पगड़ी के दौरान समाज के लोगों ने अभय सिंह को पगड़ी बांधकर ओमप्रकाश चौटाला का राजनीतिक उत्तराधिकारी भी घोषित किया था। उस समय समाज के लोगों ने अभय सिंह और अजय सिंह को एकजुट करने की पूरी कोशिश की थी।

अजय सिंह ने एकजुट होने के लिए कदम भी बढ़ाए थे, लेकिन तब अभय सिंह ने अपने भाई और भतीजों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला को अपनाने से साफ मना कर दिया था। अभय सिंह का मानना है कि इनेलो में बिखराव अजय सिंह और उनके बेटों की वजह से हुआ था।

यदि यह बिखराव नहीं हुआ होता तो इनेलो हरियाणा में सत्ता में होती। इनेलो के दोफाड़ होने के बाद साल 2019 के चुनाव में जजपा ने 10 सीटें हासिल की थी और भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाई थी। जजपा करीब साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ सत्ता में रही, लेकिन साल 2024 के विधानसभा चुनाव में जजपा का सूपड़ा साफ हो गया और इनेलो के दो विधायक चुनकर आए।